- जब कांग्रेस ने टी एन शेषन को आडवाणी के खिलाफ लड़ाया था चुनाव

- चुनाव खर्च को सीमित करने सख्त नियमों को लागू करके सुर्खियों में आए थे शेषन नई दिल्ली,। चुनाव खर्च को सीमित करने वाले सख्त नियमों को लागू करके सुर्खियों में रहे टीएन शेषन ने कहा था, मैं नाश्ते में राजनेताओं को खाता हूं? पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन वो नाम है जो अपनी कार्यशैली के चलते देश में काफी सुर्खियों में रहा है। शेषन ने रिटायरमेंट होने के बाद राजनीति में भी अपने दांवपेंच आजमाए थे, लेकिन वह सफल नहीं हो सके। टीएन शेषन को कांग्रेस ने बीजेपी के दमदार नेता लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था। गुजरात कांग्रेस के तत्कालीन उपाध्यक्ष बाबूभाई पटेल की उम्मीदवारों की सूची को देखकर पार्टी कार्यकर्ताओं भी हैरान हो गए थे। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद टीएन शेषन के नाम पर फैसला किया गया था। आपको बता दें कि शंकर सिंह वाघेला के लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद कांग्रेस कश्माकश में थी किसे चुनाव लड़ाया जाए। आडवाणी के खिलाफ उसके पास कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं था। कारगिल में भारत की जीत के बाद बीजेपी के बढ़ते समर्थन को देखते हुए वाघेला ने आडवाणी के खिलाफ चुनावी लड़ने से इनकार कर दिया था। टीएन शेषन से पहले कांग्रेस पार्टी के भीतर आडवाणी के खिलाफ चुनाव लड़ने की जिन नामों की चर्चा हो रही थी उनमें फिल्मस्टार अमिताभ बच्चन, संजय दत्त, दिलीप कुमार और यहां तक कि जीनत अमान का भी नाम सामने आया था लेकिन बाद में काफी मंथन के बाद टीएन शेषन का नाम घोषित किया गया। टीएन शेषण के बारे में कहा जाता है कि वह राजीव गांधी के पसंदीदा अफसर थे। चुनाव आयोग के लिए वह राजीव गांधी की पसंद थे। गांधीनगर से टिकट मिलने के बाद टीएन शेषण ने कहा था, मैं भारत के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के नेतृत्व वाली सर्वश्रेष्ठ पार्टी में शामिल हो गया हूं। इसके बाद वह लालकृष्ण आडवानी के खिलाफ चुनाव लड़े लेकिन

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