- गेहूं खरीदी में मध्य प्रदेश लक्ष्य के बहुत पीछे -बीजेपी मध्य प्रदेश में अपने वादे से मुकरी

लक्ष्य से कम इस बार गेहूं की खरीद -नई दिल्ली 1 अप्रैल से 2 मई तक भारत के सभी राज्यों में गेहूं की 221 लाख मे।टन की खरीद हुई है। जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 5 फ़ीसदी कम है।मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा गिरावट आई है।पिछले साल मध्य प्रदेश में 59।2 लाख मैट्रिक टन की खरीद हुई थी। मध्य प्रदेश में अभी तक 37।9 लाख टन गेहूं की खरीदी हुई है। मध्य प्रदेश में के मौसम बारिश के कारण इस बार गेहूं की फसल को काफी नुकसान भी हुआ है। मध्य प्रदेश में इस बार केंद्रीय अनाज पूल के लिए किसानों से 80 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 2 मई तक केवल 38 लाख टन गेहूं की ही खरीदी हो पाई है। पिछले साल की तुलना में लगभग 37 फ़ीसदी कम खरीदी हुई है। मध्य प्रदेश सरकार ने 2275 की एमएसपी पर,175 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा भी की है।2400 रूपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर भी मध्य प्रदेश सरकार को गेहूं नहीं मिल पा रहा है। कृषि उपज मंडी में गेहूं की कीमत समर्थन मूल्य से ज्यादा है। मंडियों मे गेहूं का न्यूनतम मूल्य ₹2650 से लेकर 3150 रुपए तक है।इसकी तुलना में मध्य प्रदेश सरकार 2400 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान कर रही है। जिसके कारण किसानो की रुचि समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने की नहीं दिख रही है। भारतीय जनता पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान 2700 रुपए प्रति क्विंटल में गेहूं खरीदने का भरोसा किसानों को दिया था। भाजपा की सरकार बनने के बाद अब इसे पूरा नहीं किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा बन गया है।भाजपा द्वारा किसानों को दिया गया, यह धोखा बताया जा रहा है। कीमत बढ़ने की उम्मीद में किसानों ने अपने गेहूं को सुरक्षित रख लिया है। 30 से 40 फ़ीसदी बड़े किसानों ने अपने गेहूं को वेयरहाउस में स्टाक करके रख लिया है। राष्ट्रीय स्तर पर इस बार सबसे बड़े उत्पादक पंजाब में भी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी कम है। फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया की गोदाम में पिछले साल की तुलना में गेहूं का स्टॉक कम होने और इस साल यदि लक्ष्य के अनुसार खरीदी नहीं होती है,तो आने वाले महीनो में गेहूं के दाम बढ़ना तय है। इसका असर किसानों को जो मुफ्त आना दिया जा रहा है उस पर भी पडना तय माना जा रहा है। विवेक मौरे/ईएमएस/06 मई2024

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