- न्यूनतम मजदूरी दर के आदेश पर हाई कोर्ट इंदौर ने लगाई रोक, तर्क शहरों और गांवों की महंगाई दर अलग अलग होने का

मध्यप्रदेश हाइकोर्ट इन्दौर के जस्टिस एस ए धर्माधिकारी एवं जस्टिस गजेंद्रसिंह की युगल पीठ ने पीथमपुर औद्योगिक संगठन की और से दायर एक याचिका पर सुनवाई करते मध्य प्रदेश शासन द्वारा न्यूनतम मजदूरी के संबंध में जारी किए नोटिफिकेशन पर अंतरिम रोक लगाते हुए स्टे कर दिया गया। सीनियर एडवोकेट गिरीश पटवर्धन के जरिए पीथमपुर औद्योगिक संगठन ने मध्य प्रदेश शासन एव मध्य प्रदेश टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन को पक्षकार बनाते हुए याचिका दायर की थी। yle="display:block; text-align:center;" data-ad-layout="in-article" data-ad-format="fluid" data-ad-client="ca-pub-7418048765940543" data-ad-slot="8599940242"> याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गिरीश पटवर्धन ने तर्क रखते पीठ को बताया कि नोटिफिकेशन ने छोटे गांवों एवं कस्बों तथा बड़े महानगरों में महंगाई दर पर न्यायोचित अंतर किए बिना एक समान न्यूनतम मजदूरी की दर लागू कर दी है जो तार्किक रूप से सही नहीं है। बड़े शहरों में संसाधन एवं अन्य सभी जीवन यापन के घटक महंगे होते हैं जबकि छोटे कस्बों एवं गांवों में ऐसा नहीं होता है। हाई कोर्ट ने इन तर्कों पर सहमत होकर नोटिफिकेशन पर स्टे लगा दिया है। yle="display:block; text-align:center;" data-ad-layout="in-article" data-ad-format="fluid" data-ad-client="ca-pub-7418048765940543" data-ad-slot="8599940242">

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