- अमेरिका ने रोकी इजराइल को 3500 घातक बमों की सप्लाई

-राफा में चलाए जा रहे अभियान को रोकने बाइडन प्रशासन ने उठाया कदम तेलअवीव, गाजा में हमास-इजराइल युद्ध में बुरी तरह से फंसे इजरायल को अब अमेरिका ने भी धोखा दे दिया है। बाइडन प्रशासन ने इजरायल को 3500 घातक बमों की सप्लाई पर रोक लगा दी है। इजरायल के राफा में चलाए जा रहे अभियान को रोकने के लिए बाइडन प्रशासन ने यह कदम उठाया है। अमेरिका और यहूदी देश इजरायल के बीच चट्टानी दोस्‍ती दशकों पुरानी है। अक्‍सर कहा जाता है कि इजरायल अमेरिका का 51वें राज्‍य की तरह है। अमेरिका द्वारा 3500 बमों में से 2000 बम करीब 1 हजार किलो के हैं। जो शहरी इलाके में तबाही मचा सकते हैं और अमेरिका के डर की वजह भी यही है। राफा शहर में 14 लाख फलस्‍तीनी लोगों ने शरण ले रखी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका के हथियारों की सप्‍लाई रोकने से पूरी दुनिया में संदेश गया है कि अमेरिका हथियार सप्‍लायर नहीं है। उन्‍होंने भारत को भी सतर्क रहने की नसीहत दी है। अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने एक साक्षात्कार में कहा है कि वह इजरायल को ऐसे हथियार नहीं देंगे जिससे राफा में ऑल आउट अभियान शुरू किया जाए। राफा हमास का आखिरी गढ़ है जिस पर अभी इजरायली सेना ने विजय हासिल नहीं की है। इजरायल ने जब गाजा में अभियान शुरू किया तब ज्‍यादातर फिलिस्‍तीनी राफा चले गए और अभी भी वहीं रह रहे हैं। बाइडन ने यह भी दावा किया कि अमेरिका अभी भी इजरायल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका इजरायल को आयरन डोम के लिए इंटरसेप्‍टर मिसाइल और अन्‍य रक्षात्‍मक हथियारों की सप्‍लाई करेगा। बाइडन ने कहा कि हम हथियारों और तोप के गोलों की सप्‍लाई नहीं करने जा रहे हैं। उन्‍होंने माना कि अमेरिका के दिए भारी भरकम बम का इजरायल ने जमकर इस्‍तेमाल किया जिससे गाजा में हजारों आम नागरिक मारे गए हैं। अमेरिका ऐतिहासिक रूप से इजरायल को सैन्‍य सहायता देता रहा है। अब अमेरिका के बम और तोप के गोलों की सप्‍लाई रोकने पर विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं। विश्‍लेषकों का कहना है कि अमेरिका जब अपने दोस्त इजरायल के साथ ऐसा कर सकता है तो आप सोच सकते हैं भारत के साथ क्‍या होगा। भारत को हथियारों में आत्‍मनिर्भर बनने के अलावा और कोई विकल्‍प नहीं है।

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