इटली,। इटली में जी7 शिखर सम्मेलन में अमेरिका और यूक्रेन द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जेक सुलिवन ने इटली रवाना होने से पहले इस समझौते का ऐलान किया। इटली जी7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। 15 देश पहले ही यूक्रेन के साथ सुरक्षा समझौते कर चुके हैं, जिनमें ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी शामिल हैं। सुलिसन ने इस बात पर जोर दिया कि इस समझौते में यूक्रेन में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती की बाध्यता शामिल नहीं होगी। हम ये दिखाना चाहते हैं कि अमेरिका यूक्रेन के लोगों के साथ है, उनकी सुरक्षा को लेकर भविष्य में भी मदद करना जारी रखेगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि समझौते में कहा जाएगा कि व्हाइट हाउस यूक्रेन को स्थायी समर्थन देने का तरीका खोजने के लिए काम करेगा। अमेरिका ने कहा है कि वह यूक्रेन पर रूस से जुड़े 300 से ज्यादा व्यक्तियों और संस्थाओं पर बैन लगा रहा है, जिनमें वित्तीय संस्थान, मॉस्को स्टॉक एक्सचेंज और चीनी कंपनियां शामिल हैं। अमेरिका ने कहा कि चीन की ओर से रूस में किया जा रहा मिलिट्री निर्यात चिंता का विषय है। अमेरिका अब उन चीनी कंपनियों पर भी बैन लगाएगा जो रूस को हथियार सप्लाई करती हैं। इसके अलावा, एशिया, मिडिल ईस्ट, यूरोप, अफ्रीका और कैरिबियन के अन्य देशों में व्यक्ति और संगठन पर भी बैन लगाए जा रहे हैं जो रूस की मदद कर रहे हैं। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने कहा कि रूस अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से अलग-थलग हो गया है। कई रूसी बैंकों के विदेशी ठिकानों को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है ताकि वित्तीय लेनदेन मुश्किल हो जाए। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने कहा कि वह रूस और चीन के अलावा कई देशों में दर्जनों व्यक्तियों और संस्थाओं पर बैन लगाकर सैन्य आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करने की कोशिश कर रहा है।