ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के हमलों में तुर्की के दो सैन्यकर्मी भी मारे गए हैं। बताया जाता है कि तुर्की ने 350 से अधिक ड्रोन देकर पाकिस्तान को भारत के खिलाफ संघर्ष में न केवल मदद की, बल्कि इसके संचालक पाकिस्तानी सेना की भी मदद कर रहे थे। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ बायरकटर टीबी2 और वाईआईएचए ड्रोन का इस्तेमाल किया।
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के हमलों में तुर्की के दो सैन्यकर्मी भी मारे गए हैं। बताया जाता है कि तुर्की ने 350 से अधिक ड्रोन देकर पाकिस्तान को भारत के खिलाफ संघर्ष में न केवल मदद की, बल्कि इसके संचालक पाकिस्तानी सेना की भी मदद कर रहे थे।
सूत्रों ने बताया, 'ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की के सलाहकारों ने भारत में समन्वित ड्रोन हमलों में पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों की मदद की।' रक्षा सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ बायरकटर टीबी2 और वाईआईएचए ड्रोन का इस्तेमाल किया। माना जाता है कि इन ड्रोन का इस्तेमाल लक्ष्यों की पहचान करने और संभवतः आत्मघाती हमले करने के लिए किया गया था, खासकर भारत की अग्रिम चौकियों या आपूर्ति काफिलों को निशाना बनाकर। पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान ने तुर्की के साथ घनिष्ठ सैन्य संबंध विकसित किए हैं।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्न' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं।
youtube- https://www.youtube.com/@bejodratna646
whataapp-https://whatsapp.com/channel/0029VaAG4A190x2t7VvoGu3v
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के वर्षों में पाकिस्तान और तुर्की के बीच गठबंधन आश्चर्यजनक गति से मजबूत हुआ है। तुर्की सरकार ने न केवल महत्वपूर्ण सैन्य उपकरण मुहैया कराए हैं, बल्कि पाकिस्तानी सेना को प्रशिक्षण भी दिया है।
बताया जाता है कि 7-8 मई की रात को पाकिस्तानी सेना ने 300 से 400 ड्रोन के साथ भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर सैन्य ढांचे को निशाना बनाने की कोशिश की थी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा था, 'ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है। शुरुआती रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि ये तुर्की के असीसगार्ड सॉन्गर ड्रोन हैं।'