भारतीय वायुसेना के एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक राष्ट्रीय जीत है और इसमें हर भारतीय ने अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि मैं ऑपरेशन सिंदूर को रिकॉर्ड में रखना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन को बहुत अच्छे तरीके से अंजाम दिया गया।
नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस तरह से पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को जवाब दिया है, उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। दुनिया ने भारतीय सेना की वीरता देखी।
भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल चीफ अमर प्रीत सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर बयान दिया है। सीआईआई एनुअल बिजनेस समिट 2025 को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, "मैं ऑपरेशन सिंदूर को रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं। यह एक राष्ट्रीय जीत है।" 'सत्य हमारे साथ था'
उन्होंने कहा, "मैं यहां मौजूद हर भारतीय का शुक्रिया अदा करता हूं। मुझे यकीन है कि हर भारतीय ने इस जीत में योगदान दिया है। जैसा कि बार-बार कहा गया है, यह एक ऐसा ऑपरेशन था जिसे सभी एजेंसियों, सभी बलों द्वारा बहुत ही पेशेवर तरीके से अंजाम दिया गया। हम सभी एक साथ आए और जब सत्य साथ होता है तो सब कुछ अपने आप हो जाता है।"
एयर मार्शल चीफ ने कहा, "हम सत्य के मार्ग पर चल रहे थे, मुझे लगता है कि इसमें ईश्वर भी हमारे साथ था। मुझे यकीन है कि हर भारतीय इस जीत का इंतजार कर रहा था।"
'ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल का जवाब था'
एयर फोर्स चीफ ने कहा, "जैसा कि बार-बार कहा गया है, यह एक ऐसा ऑपरेशन था जिसे सभी एजेंसियों, सभी बलों द्वारा बहुत ही पेशेवर तरीके से अंजाम दिया गया, हम सभी एक साथ आए और जब सत्य आपके साथ होता है तो सब कुछ अपने आप हो जाता है।"
उन्होंने कहा, "22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। पाकिस्तानी हमलों के बाद की सभी जवाबी कार्रवाई इसी ऑपरेशन के तहत की गई थी।
नौसेना प्रमुख ने क्या कहा?
सीआईआई वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा, "युद्ध का तरीका तेजी से बदला है और आगे भी बदलता रहेगा। सबसे पहले, युद्ध और शांति के बीच की रेखाएँ तेजी से धुंधली होती जा रही हैं। दूसरे, वाणिज्यिक प्रौद्योगिकी युद्ध को लोकतांत्रिक बनाती है, जिससे यह गैर-राज्य अभिनेताओं के लिए उपलब्ध हो जाता है।
अंततः सटीकता के युग में प्रवेश कर रहे हैं, जहाँ अत्यधिक सटीक क्षमताएँ और बड़ी संख्या दोनों ही हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। युद्ध विराम के बिना संघर्ष छेड़ने के लिए अंतरिक्ष और साइबर डोमेन के साथ-साथ गैर-संपर्क युद्ध का उपयोग एक नई वास्तविकता है," उन्होंने कहा।