दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी ने मानसून के दौरान अंडरपास में जलभराव को रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। अब छह इंच से ज्यादा पानी होने पर अंडरपास में वाहनों और पैदल यात्रियों की आवाजाही रोक दी जाएगी। यह कदम पिछले अनुभवों को देखते हुए उठाया गया है, जहां बसें डूब चुकी हैं और लोगों की जान भी जा चुकी है। डीटीसी भी जलभराव वाले अंडरपास पर अपने कर्मचारियों को तैनात करेगी, ताकि बसों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा सके। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्ली। मानसून के दौरान अंडरपास में वाहनों के फंसने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि अगर जलस्तर छह इंच से ऊपर चला जाता है तो बसें ही नहीं बल्कि कोई भी वाहन अंडरपास से न गुजरे, यहां तक कि पैदल यात्रियों को भी आवाजाही से रोक दिया जाए।
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पिछले वर्षों के अनुभवों को देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने इस बार आदेश का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। डीटीसी भी इस मुद्दे पर सक्रिय हो गई है, डीटीसी ने मानसून के दौरान जिन अंडरपास में पानी भर जाता है, वहां पर अपने कर्मचारियों को तैनात करने का भी फैसला किया है, ये डीटीसी कर्मचारी बारिश के दौरान वहां तैनात रहेंगे और अपनी बसों को अंडरपास की बजाय वैकल्पिक मार्गों से जाने के लिए कहेंगे।
बारिश के दौरान बसों के लिए छह अंडरपास भी खतरनाक हैं। अगर दिल्ली में जलभराव की बात करें तो मानसून के दौरान हर तरह से परेशानी होती है, अगर अंडरपास की बात करें तो हालात ऐसे हैं कि यातायात को सुविधाजनक बनाने के लिए जो अंडरपास बनाए गए हैं, वो भी मानसून के दौरान बारिश होने पर परेशानी बढ़ा देते हैं। वजह ये है कि पानी रुकने पर इनमें भयंकर जलभराव हो जाता है। पिछले सालों में भी यहां कुछ लोगों की डूबकर मौत हो चुकी है।
अगर मानसून के दौरान बारिश से होने वाले नुकसान की बात करें तो कई बार ऐसा हुआ है कि भारी बारिश के दौरान अचानक इन अंडरपास में इतना पानी आ गया कि अचानक जलभराव के कारण कई वाहन यहां डूब गए और उनके इंजन खराब हो गए और लोगों को लाखों का नुकसान हुआ है। यहां तक कि कई बार बसें भी इनमें डूब चुकी हैं।
वहीं, आदेश की अनदेखी करने पर अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। इन सब समस्याओं को देखते हुए सरकार पिछले कुछ सालों से निर्देश दे रही है कि जलभराव के दौरान इनका इस्तेमाल न किया जाए। लेकिन फिर भी वाहन इनसे गुजरते रहे और बसें भी इनमें फंस गईं। अब इस साल सरकार ने सख्त आदेश जारी किया है कि अगर अंडरपास में छह इंच भी पानी जमा हुआ तो यातायात रोक दिया जाएगा।
साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। यानी अगर लोक निर्माण विभाग बारिश के दौरान जलभराव के दौरान ट्रैवल ऑपरेटर को रोकने में विफल रहता है तो संबंधित कर्मचारी और अधिकारी भी जिम्मेदार माने जाएंगे और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। छह इंच पानी भरने पर यातायात बंद कर दिया जाएगा।
इस बार लोक निर्माण विभाग ने साफ तौर पर तय किया है कि अगर किसी अंडरपास में छह इंच पानी भरा है तो उसका इस्तेमाल यातायात के लिए नहीं किया जाएगा और बारिश के दौरान हर अंडरपास पर कम से कम चार कर्मचारी तैनात किए जाएंगे जो जलभराव की स्थिति में लोगों और वाहनों की आवाजाही रोकेंगे। यह काम ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी कर दी है।
अब देखना यह है कि इस बार आदेश का सही तरीके से पालन होता है या आदेश महज औपचारिकता बनकर रह जाते हैं। छह अंडरपास ने बढ़ाई परेशानी दिल्ली की बात करें तो इस सूची में मिंटो ब्रिज अंडरपास, पुलप्रहलादपुर अंडरपास, आजादपुर अंडरपास, मुंडका अंडरपास, जखीरा रेलवे अंडरपास, किशनगंज अंडरपास का नाम भी शामिल है। हर बार मानसून के दौरान यहां भीषण जलभराव हो जाता है।
अंडरपास पर तैनात होंगे डीटीसी के कर्मचारी
दूसरी ओर, डीटीसी ने भी अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि मानसून के दौरान बारिश होने पर उनकी बसें अंडरपास से न गुजरें। इसके लिए डीटीसी जल्द ही रूट बदलने जा रही है। इसके साथ ही मानसून के दौरान बारिश होने पर अंडरपास पर उनके कर्मचारी भी तैनात किए जाएंगे जो वहां से आने वाली बसों को डायवर्ट कर वैकल्पिक रूट पर भेजेंगे।