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चुनाव आयोग जो कर रहा है वो उसका संवैधानिक दायित्व, साबित करो कि ये सही नहीं, बिहार वोटर लिस्ट पर SC ने पलट दिया पूरा खेल?
सुप्रीम कोर्ट में बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ताओं के साथ-साथ चुनाव आयोग ने भी अपनी दलीलें प्रस्तुत कीं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से सवाल किया कि उसने यह प्रक्रिया पहले क्यों शुरू नहीं की। अदालत ने संकेत दिया कि चुनाव आयोग को मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया समय पर शुरू करनी चाहिए थी।
निर्वाचन आयोग ने कोर्ट को बताया कि उसे याचिकाओं पर कुछ आपत्तियां हैं, जिन पर वह अपना पक्ष रखेगा। ये याचिकाएं प्रमुख विपक्षी नेताओं द्वारा दायर की गई हैं, जिनमें महुआ मोइत्रा (तृणमूल कांग्रेस), मनोज कुमार झा (राजद), केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), सुप्रिया सुले (एनसीपी), डी. राजा (भाकपा), हरिंदर मलिक (सपा), अरविंद सावंत (शिवसेना यूबीटी), सरफराज अहमद (झामुमो), दीपांकर भट्टाचार्य (भाकपा-माले लिबरेशन) और द्रमुक के प्रतिनिधि शामिल हैं।
इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि यह पुनरीक्षण प्रक्रिया राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित है और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस मुद्दे पर सुनवाई जारी रखी है।
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