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शशि थरूर ने लोकतंत्र काले अध्याय को किया याद, क्या कांग्रेस पर किया कटाक्ष? कहा- आपातकाल एक सबक है?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने आपातकाल को लेकर एक लेख में तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आपातकाल केवल भारत के इतिहास का एक काला अध्याय भर नहीं है, बल्कि इसे एक चेतावनी के रूप में देखना चाहिए, जिससे लोकतंत्र के मूल्य और उसकी रक्षा के प्रति हमारी जागरूकता बढ़े। थरूर ने ज़ोर देकर कहा कि लोकतंत्र के प्रहरियों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए, ताकि ऐसा दौर फिर कभी न लौटे।
प्रोजेक्ट सिंडिकेट में प्रकाशित अपने लेख में थरूर ने स्पष्ट रूप से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सत्तावादी प्रवृत्ति की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस प्रवृत्ति ने देश को भय और दमन के माहौल में धकेल दिया था। उनका कहना है कि उस दौर में नागरिक स्वतंत्रताओं और मानवाधिकारों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ, और वैश्विक समुदाय इस भयावह स्थिति से लगभग अनजान रहा।
थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि आज का भारत 1975 के भारत से अलग है। उनका इशारा इस ओर था कि भारत की लोकतांत्रिक चेतना अब कहीं अधिक मजबूत है और नागरिक अधिकारों के उल्लंघन के प्रति लोगों की सजगता भी बढ़ी है। उनका यह लेख आपातकाल की ऐतिहासिक समीक्षा के साथ-साथ मौजूदा दौर में लोकतंत्र की रक्षा के महत्व को रेखांकित करता है।
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