पुलिस हिरासत में गार्ड अजित कुमार की मौत के बाद तमिलनाडु में राजनीतिक बवाल मच गया है। थलपति विजय ने एक सार्वजनिक प्रदर्शन की मांग की है, जो नई पार्टी बनाने के बाद उनका पहला विरोध प्रदर्शन होगा। मद्रास उच्च न्यायालय ने मामले की जाँच सीबीआई को सौंप दी है और सरकार ने भी मामला सीबीआई को सौंप दिया है। थलपति विजय ने उच्च न्यायालय से एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की है।
पुलिस हिरासत में गार्ड अजित कुमार की मौत के बाद तमिलनाडु में राजनीतिक बवाल मच गया है। तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के अध्यक्ष और अभिनेता से नेता बने थलपति विजय ने आज एक सार्वजनिक प्रदर्शन की मांग की है। नई पार्टी बनाने के बाद यह थलपति विजय का पहला विरोध प्रदर्शन होगा।यह मामला तमिलनाडु के शिवगंगा जिले का है। यहाँ के मदापुरम मंदिर में सेवा करने वाले अजित कुमार को पिछले महीने पुलिस ने हिरासत में लिया था। अजित को सलाखों के पीछे इतना प्रताड़ित किया गया कि उनकी मौत हो गई।
सीबीआई 20 तारीख को रिपोर्ट सौंपे: उच्च न्यायालय
स्थानीय सत्र न्यायालय ने अजित की गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया है। वहीं, मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने भी मामले की जाँच सीबीआई को सौंप दी है। मद्रास हाईकोर्ट ने सीबीआई को अंतिम रिपोर्ट सौंपने के लिए 20 अगस्त तक का समय दिया है। दबाव में आकर तमिलनाडु सरकार ने भी यह मामला सीबीआई को सौंप दिया है।
सीबीआई ने शुरू की जाँच
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अजील के परिवार से माफ़ी माँगी है और सीबीआई को जाँच के आदेश दिए हैं। सीबीआई ने निकिता को भी गिरफ्तार किया है, जिसने अजीत के खिलाफ गहने चोरी की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी।
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डीएसपी निलंबित और 5 पुलिसकर्मी गिरफ्तार
मामले का संज्ञान लेते हुए शिवगंगा थाने के 5 पुलिसकर्मियों को हिरासत में लिया गया है। डीएसपी को निलंबित कर दिया गया है और एसपी को भी अनिवार्य प्रतीक्षा में रखा गया है। वहीं, अब टीवीके अध्यक्ष थलपति विजय ने हाईकोर्ट से एसआईटी गठन की माँग की है। अजीत का परिवार भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो सकता है। विजय ने कल अजीत के परिवार से मुलाकात की थी।
थलपति विजय की एंट्री के मायने
बता दें कि तमिलनाडु में 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में थलपति विजय ने खुद को टीवीके के सीएम चेहरे के तौर पर पेश किया है। ज़ाहिर है यह विरोध प्रदर्शन विजय को राजनीति में एक नई पहचान दिलाने में मदद कर सकता है। विजय ने भाजपा समेत अन्य दलों के साथ गठबंधन के दावों को भी सिरे से खारिज कर दिया है, जिससे उन्हें तमिलनाडु की जनता का भारी समर्थन मिल सकता है।