हिंदू परंपरा में, विवाह को न केवल एक सामाजिक अनुबंध माना जाता है, बल्कि एक पवित्र और आजीवन प्रतिबद्धता भी माना जाता है। यह दो व्यक्तियों, उनके परिवारों और समुदायों के बीच एक दिव्य मिलन का प्रतीक है, जिसे विस्तृत अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों के साथ संपन्न और मनाया जाता है।