जगदीप धनखड़ ने कहा कि कोचिंग सेंटर शिकार के अड्डे बन गए हैं। ये प्रतिभाओं के लिए ब्लैक होल बन गए हैं। कोचिंग सेंटर कुकुरमुत्तों की तरह उग रहे हैं। यह हमारे युवाओं, जो हमारा भविष्य हैं, के लिए ख़तरा है। हमें इस दुर्भावना को ख़त्म करना होगा, जो बेहद चिंताजनक है।