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कश्मीर शहीद दिवस: नज़रबंदी और पाबंदी पर राजनीतिक दलों में उबाल, नेताओं ने केंद्र सरकार पर बोला हमला ?
उमर अब्दुल्ला ने इन प्रतिबंधों की कड़ी निंदा की और 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "13 जुलाई का नरसंहार हमारा जलियाँवाला बाग़ है।
यह बहुत शर्म की बात है कि ब्रिटिश शासन के हर रूप के खिलाफ लड़ने वाले सच्चे नायकों को आज सिर्फ़ इसलिए खलनायक के रूप में चित्रित किया जा रहा है क्योंकि वे मुसलमान थे।
आज हमें उनकी कब्रों पर जाने का मौका भले ही न मिले, लेकिन हम उनके बलिदान को नहीं भूलेंगे।"
इस साल भी जम्मू-कश्मीर में 13 जुलाई को मनाए जाने वाले कश्मीर शहीद दिवस पर विवाद गहरा गया है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के प्रशासन ने इस दिन किसी भी तरह के कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी, जिसके चलते उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर सरकार के कई मंत्रियों, विधायकों और विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं को या तो नजरबंद कर दिया गया या
हिरासत में ले लिया गया।
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