- रॉबर्ट वाड्रा ईडी दफ्तर पहुंचे, पेट्रोकेमिकल घोटाले को लेकर हो रही है पूछताछ

रॉबर्ट वाड्रा ईडी दफ्तर पहुंचे, पेट्रोकेमिकल घोटाले को लेकर हो रही है पूछताछ

रॉबर्ट वाड्रा आज ईडी कार्यालय पहुँच गए हैं, जहाँ उनसे पेट्रो-केमिकल परियोजना से जुड़े घोटाले के सिलसिले में पूछताछ की जाएगी।
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय पहुँच गए हैं। प्रियंका गांधी भी उनके साथ हैं। यह पूछताछ एक पेट्रो-केमिकल परियोजना और लंदन में एक महंगी संपत्ति की खरीद-फरोख्त से जुड़े घोटाले से संबंधित है, जिसमें वाड्रा की भूमिका की जाँच की जा रही है।

क्या है मामला?

यह मामला वर्ष 2008 में एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में बनने वाली एक पेट्रो-केमिकल परियोजना से जुड़ा है। इस परियोजना के एक हिस्से के निर्माण का काम एक सरकारी कंपनी (PSU) ने सैमसंग इंजीनियरिंग को सौंपा था। सैमसंग इंजीनियरिंग ने इस काम के लिए संजय भंडारी की दुबई स्थित कंपनी सैंटेक इंटरनेशनल FZC को नियुक्त किया था।

धन लेनदेन और लंदन की संपत्ति
दिसंबर 2008: सैमसंग को ठेका मिला।
जून 2009: सैमसंग ने संजय भंडारी की कंपनी सैनटेक इंटरनेशनल FZC को 4,990,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया।
जून 2009 (उसी महीने): संजय भंडारी ने लंदन के ब्रायनस्टन स्क्वायर में एक महंगी संपत्ति खरीदी।

यह संपत्ति वोर्टेक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत थी, जिसके खाते में सैनटेक ने लगभग 1.9 मिलियन पाउंड स्टर्लिंग ट्रांसफर किए। बाद में, वोर्टेक्स के सभी शेयर दुबई स्थित कंपनी स्काई लाइट इन्वेस्टमेंट्स FZE ने खरीद लिए। इस कंपनी का नियंत्रण सी. थम्पी के पास है, जो रॉबर्ट वाड्रा के करीबी बताए जाते हैं।

रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मिले ईमेल से पता चला है कि इस संपत्ति को लेकर संजय भंडारी, सुमित चड्ढा (भंडारी के रिश्तेदार), मनोज अरोड़ा और रॉबर्ट वाड्रा के बीच बातचीत चल रही थी। आरोप है कि वाड्रा इस संपत्ति की मरम्मत में भी रुचि दिखा रहे थे और लगातार अपडेट मांग रहे थे।
ईडी का कहना है कि संजय भंडारी ने इस संपत्ति पर 65,900 पाउंड अतिरिक्त खर्च किए, लेकिन बाद में इसे मेफेयर एफजेडई शारजाह को 19 लाख पाउंड में बेच दिया।

'राउंड ट्रिपिंग' का आरोप
ईडी का मानना है कि यह पूरा मामला 'राउंड ट्रिपिंग' का है। इसका मतलब है-
फर्जी अनुबंध किए गए।
रिश्वत को 'परामर्श शुल्क' के रूप में दिखाया गया।
इस पैसे से विदेश में संपत्ति खरीदी गई।
फिर संपत्ति बेचकर पैसे को वैध दिखाया गया।
ईडी की जाँच, वाड्रा का इनकार
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ईडी इस मामले में लंदन में 10 ब्रायनस्टन स्क्वायर नामक एक आलीशान संपत्ति की जाँच कर रहा है। आरोप है कि यह संपत्ति संजय भंडारी ने एक तेल सौदे के ज़रिए खरीदी थी, लेकिन इसके असली मालिक रॉबर्ट वाड्रा थे। हालाँकि, वाड्रा ने हमेशा इस आरोप का खंडन किया है और कहा है कि उनका इस संपत्ति से कोई लेना-देना नहीं है।

गौरतलब है कि लगभग एक हफ़्ते पहले ईडी ने संजय भंडारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। यह कार्रवाई पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत की गई। ईडी के अनुसार, इस मामले में कई अंतरराष्ट्रीय लेन-देन हुए हैं और इस संपत्ति की खरीद-फरोख्त में भारी अनियमितताओं के सबूत मिले हैं। अब रॉबर्ट वाड्रा से पूछा जाएगा कि इस सौदे में उनकी क्या भूमिका थी और क्या वे इस संपत्ति के असली लाभार्थी मालिक हैं। सूत्रों का कहना है कि एजेंसी के पास कुछ ऐसे दस्तावेज़ हैं जो वाड्रा की भूमिका की ओर इशारा करते हैं।

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