- सचिन पायलट की मौजूदगी में कांग्रेस सांसद का बड़ा बयान, 'सभी 25 सीटें हारने के बाद भी...'

सचिन पायलट की मौजूदगी में कांग्रेस सांसद का बड़ा बयान, 'सभी 25 सीटें हारने के बाद भी...'

कांग्रेस सांसद बृजेंद्र ओला ने कहा कि 1989 में कांग्रेस राजस्थान की सभी 25 सीटें हार गई थी। इसके बाद शिवचरण माथुर ने नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

राजस्थान कांग्रेस के लिए बुधवार (8 अक्टूबर) को एक सकारात्मक घटनाक्रम सामने आया जब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक साथ देखे गए। मौका था राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और असम के राज्यपाल शिवचरण माथुर और उनकी पत्नी दिवंगत सुशीला देवी माथुर की प्रतिमा के अनावरण का।

लेकिन कहते हैं कि तस्वीरों के पीछे एक अलग ही कहानी है, और वह यह कि "राजनीति में जो होता है वो दिखता नहीं और जो दिखता है वो होता नहीं।" आज भीलवाड़ा में मंच पर जो हुआ वो समझने लायक है। नेताओं के बयानों का मतलब साफ़ तौर पर कुछ और ही है।

दरअसल, बुधवार (8 अक्टूबर) को भीलवाड़ा में प्रतिमा अनावरण समारोह के दौरान सचिन पायलट, सांसद मुरारी लाल मीणा, सांसद बृजेंद्र ओला और पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी समेत कई नेता मंच पर मौजूद थे। इस बीच, सांसद बृजेंद्र ओला ने मंच से कहा कि कांग्रेस की सरकार शिवचरण माथुर के कार्यकाल में ही दोबारा बनी और उसके बाद से कांग्रेस कभी भी अपनी सरकार नहीं दोहरा पाई।

"शिवचरण माथुर ने 25 सीटें हारने के बाद इस्तीफा दे दिया था।"
ओला ने कहा कि 1989 में कांग्रेस राजस्थान की सभी 25 सीटें हार गई थी। इस हार के बाद, शिवचरण माथुर ने नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। मंच पर सचिन पायलट भी मौजूद थे।

गौरतलब है कि सचिन पायलट कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। 2014 में, कांग्रेस सभी 25 लोकसभा सीटें हार गई थी। इसके अलावा, 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सचिन पायलट कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे और उस चुनाव में भी कांग्रेस को 25 लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।

"नेताओं में अब कोई नैतिकता नहीं बची है।"
सांसद बृजेंद्र ओला के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना दिया है। चूँकि ओला को सचिन पायलट खेमे का माना जाता है, इसलिए सांसद मुरारीलाल मीणा ने भी यही बात कही। उन्होंने कहा कि बृजेंद्र ओला सही कह रहे हैं कि आजकल के राजनेताओं में नैतिकता का अभाव है। चाहे कितनी भी गंभीर स्थिति क्यों न हो, वे अपने पद छोड़ने से इनकार करते हैं।

कांग्रेस ने 2014 और 2019 में सभी लोकसभा सीटें गंवा दीं।

दोनों सांसदों की टिप्पणियों को सचिन पायलट के कार्यकाल में लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार से जोड़ा जा रहा है, क्योंकि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में करारी हार के बावजूद सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष बने रहे।

राजनीतिक चर्चा शुरू
मंच से सांसद मुरारीलाल मीणा और सांसद बृजेंद्र ओला के इस बयान ने सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर बहस छेड़ दी है कि दोनों नेता किस बात का जिक्र कर रहे थे। कोई इसे अशोक गहलोत से जोड़ रहा है, तो कोई इसे सचिन पायलट के कार्यकाल में हुई लोकसभा चुनावों की हार से। नतीजतन, सचिन पायलट खेमा एक बार फिर चर्चा में है।

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag