तीन साल से ज़्यादा समय से चल रहा रूस-यूक्रेन युद्ध एक अहम मोड़ पर पहुँच गया है। शुक्रवार को रूसी सेना ने एक बड़े हवाई हमले में यूक्रेनी सेना के लिए सैन्य उपकरण, हथियार और रसद सामग्री ले जाने वाले एक अहम पुल को उड़ा दिया।
रूस ने पिछले हफ़्ते यूक्रेन पर अपने हमले और घेराबंदी तेज़ कर दी है। कई शहरों में यूक्रेनी सैनिकों को पीछे धकेलने के बाद, रूस ने अब यूक्रेन के द्निप्रोपेत्रोव्स्क क्षेत्र में एक बड़ा हवाई हमला किया है। इस हमले में यूक्रेनी सेना को सैन्य उपकरण और हथियार पहुँचाने वाला एक पुल उड़ा दिया गया। इसे यूक्रेन के लिए सबसे बड़ा रणनीतिक झटका माना जा रहा है। रूस के इस हमले ने यूक्रेन के पूर्वी मोर्चे पर तनाव और बढ़ा दिया है।
यूक्रेनी पुल पूरी तरह से नष्ट
रूसी वायु सेना ने द्निप्रोपेत्रोव्स्क क्षेत्र में एक अहम पुल पर सटीक हवाई हमला किया, जिससे वह पूरी तरह से नष्ट हो गया। इस पुल का इस्तेमाल कीव की सेनाएँ हथियार, सैन्य उपकरण और सैनिकों की आपूर्ति के लिए कर रही थीं, जिससे यूक्रेनी सेना को भारी नुकसान हुआ। रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस हमले को "सैन्य लक्ष्य पर सटीक हमला" बताया और कहा कि यह यूक्रेनी रसद श्रृंखलाओं को बाधित करने की रणनीति का हिस्सा था। मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि हमले में केवल सैन्य उपकरण ही शामिल थे, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि पुल के नष्ट होने से आस-पास के गाँवों में नागरिकों के लिए खतरा बढ़ गया है।
ज़ेलेंस्की के लिए सबसे बड़ा झटका
इस पुल को यूक्रेनी सेना की जीवनरेखा माना जाता था। नतीजतन, यह यूक्रेनी सेना के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक नुकसान है। इससे रूसी सैनिकों के लिए यूक्रेन के कई इलाकों पर नियंत्रण करना आसान हो सकता है। निप्रॉपेट्रोस क्षेत्र के गवर्नर सर्गेई लिसेंको ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, "यह हमला न केवल हमारी आपूर्ति लाइनों को प्रभावित करेगा, बल्कि निर्दोष नागरिकों की जान को भी खतरे में डाल रहा है। हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तत्काल सहायता की अपील करते हैं।" यह घटना 1,000 से ज़्यादा दिनों से चल रहे यूक्रेन-रूस युद्ध में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
निप्रॉपेट्रोस क्षेत्र डोनबास के पास स्थित है।
निप्रॉपेट्रोस क्षेत्र डोनबास के पास स्थित है। यह इलाका लंबे समय से रूसी हमलों का केंद्र रहा है। हाल के दिनों में, 25 अक्टूबर को मिसाइल और ड्रोन हमलों में दो नागरिक मारे गए, जबकि 30 अक्टूबर को पोक्रोव्स्के में एक हवाई हमला हुआ। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस पर ड्रोन युद्ध और नागरिक क्षेत्रों पर हमलों के लिए युद्ध अपराध का आरोप लगाया गया है, जिससे यह मामला और भी जटिल हो गया है। एक वरिष्ठ यूक्रेनी सैन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पुल के टूटने से पूर्वी मोर्चे पर यूक्रेनी सेना की गतिशीलता प्रभावित होगी, जहाँ वे रूसी सेना की बढ़त को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
रूस ने पुल के विध्वंस को एक बड़ी सफलता बताया
कीव सरकार ने नाटो सहयोगियों से अतिरिक्त हथियारों का अनुरोध किया है, जबकि मास्को ने इसे एक "विशेष सैन्य अभियान" की सफलता बताया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला यूक्रेन की आपूर्ति रोककर सर्दियों से पहले बढ़त हासिल करने की रूसी रणनीति का हिस्सा है। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ तेज़ रही हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने हमले की निंदा की, जबकि यूरोपीय संघ ने कहा कि वह अतिरिक्त प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है।
ज़ेलेंस्की ने कहा, "हम झुकेंगे नहीं। हर नुकसान हमें और मज़बूत बनाता है।" यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा, "हम झुकेंगे नहीं। हर हार हमें और मज़बूत बनाती है।" इस घटना ने वैश्विक ऊर्जा बाज़ारों को भी हिलाकर रख दिया है, क्योंकि इस क्षेत्र में आपूर्ति बाधित होने से यूरोपीय देशों पर दबाव बढ़ सकता है। क्या यह हमला युद्ध की दिशा बदल देगा? विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन को वैकल्पिक मार्ग विकसित करने होंगे, लेकिन रूसी हवाई श्रेष्ठता एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। संघर्ष जारी है, और शांति की कोई उम्मीद नहीं है।