मऊ विधायक और माफिया नेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से तत्काल राहत मिल गई है। यह मामला आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ा है। मामले की अगली सुनवाई 31 दिसंबर, 2025 को होगी।
शुक्रवार (31 अक्टूबर, 2025) को एक बड़ी राजनीतिक खबर सामने आई। माफिया नेता मुख्तार अंसारी के बेटे और विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से तत्काल राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने आचार संहिता उल्लंघन मामले में अब्बास अंसारी को राहत दी है।
हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। अब्बास अंसारी पर बिना अनुमति के भीड़ इकट्ठा करके आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। अंसारी ने आरोप पत्र रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। मऊ जिले के कोतवाली थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
मंच से उन्हें चुनाव के बाद सबक सिखाने की धमकी दी गई।
मऊ विधायक अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार थे। उन्होंने 3 मार्च, 2022 को रात 8:30 बजे पहाड़पुरा मैदान में एक अनधिकृत सभा की थी। इस सभा में भीड़ जमा हुई और मंच से चुनाव के बाद मऊ प्रशासन को रोकने, हिसाब-किताब बराबर करने और सबक सिखाने की धमकी दी गई।
अब्बास अंसारी, उनके भाई और 150 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
अगले दिन, 4 मार्च, 2022 को, उप-निरीक्षक गंगा राम बिंद ने कोतवाली थाने में अब्बास अंसारी, उनके छोटे भाई उमर अब्बास अंसारी और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। मामले की अगली सुनवाई 1 दिसंबर, 2025 को होगी। अब्बास अंसारी की ओर से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने पैरवी की। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने की।
गौरतलब है कि इसी मामले में मऊ सदर विधानसभा सीट से विधायक अब्बास अंसारी की सदस्यता बहाल कर दी गई थी। विधानसभा सचिवालय ने 8 सितंबर, 2025 को इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया था।