- बांग्लादेश में यूनुस सरकार के खिलाफ शेख हसीना का हल्ला बोल, ढाका की सड़कों पर भारी हंगामा

बांग्लादेश में यूनुस सरकार के खिलाफ शेख हसीना का हल्ला बोल, ढाका की सड़कों पर भारी हंगामा

शेख हसीना ने बांग्लादेश में यूनुस सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। ढाका की सड़कों पर व्यापक अशांति और हिंसा व्याप्त है। गौरतलब है कि शेख हसीना को हाल ही में एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।

बांग्लादेश में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। कल रात ढाका की सड़कों पर व्यापक अशांति फैली। पुलिस ने शेख हसीना के समर्थकों पर लाठीचार्ज किया। कई जगहों पर विस्फोटों की आवाजें भी सुनी गईं। कल न्यायाधिकरण द्वारा शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद से उनकी पार्टी, अवामी लीग के समर्थक गुस्से में हैं। आज, अवामी लीग ने पूरे बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया था, लेकिन उससे एक रात पहले पुलिस ने ढाका और आसपास के इलाकों में बड़ी कार्रवाई की। खबरों के अनुसार, पुलिस ने कई जगहों पर गोलीबारी भी की।

ढाका में देखते ही गोली मारने के आदेश जारी
बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी सड़कों पर उतर आए हैं और जो भी उन्हें दिखाई दिया, उस पर लाठीचार्ज कर रहे हैं। यहाँ तक कि सड़कों पर टहल रहे लोग भी इस पुलिसिया कार्रवाई से प्रभावित हुए। पुलिस दुकानों में घुस गई, हसीना समर्थकों को बाहर निकाला और उन पर लाठीचार्ज किया। यूनुस सरकार ने ढाका में देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए हैं। इसके बावजूद, हसीना समर्थक विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं और आज बंद का आह्वान किया है। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में हसीना समर्थक विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे हैं। शेख हसीना ने खुद ट्रिब्यूनल के फैसले को पक्षपातपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया है, और उनकी पार्टी ने कहा है कि जब तक यूनुस इस्तीफा नहीं दे देते, वे नहीं रुकेंगे।

अवामी लीग ने बांग्लादेश बंद का आह्वान किया
बांग्लादेश में आज फिर तनाव की आशंका है। शेख हसीना को सुनाई गई सजा के विरोध में उनकी पार्टी अवामी लीग ने आज देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। अवामी लीग के नेताओं ने कहा है कि ट्रिब्यूनल का फैसला बदले की भावना से प्रेरित है। इस बीच, शेख हसीना के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण बांग्लादेश के विभिन्न शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। ढाका के धानमंडी इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। यहीं पर हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान रहते हैं और यूनुस समर्थक इसे ध्वस्त करने पर तुले हैं। यह पहली बार है जब शेख हसीना के समर्थक सीधे तौर पर बंद का आह्वान कर रहे हैं। इससे आज तनाव बढ़ने की संभावना है।

शेख हसीना ने क्या कहा?
बांग्लादेश की जनता ने अदालत के फैसले को खारिज कर दिया है। बांग्लादेश की जनता इस फैसले को न तो स्वीकार करती है और न ही स्वीकार करेगी। इस फैसले के विरोध में पूरे देश में सुबह से शाम तक बंद रखा जाएगा। शेख हसीना ने भी न्यायाधिकरण के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शेख हसीना ने कहा, "मेरे खिलाफ फैसला एक अनुचित तरीके से गठित न्यायाधिकरण द्वारा सुनाया गया है। इसकी स्थापना एक ऐसी सरकार द्वारा की गई थी जिसके पास कोई जनादेश नहीं था। यह एक पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित फैसला है। मेरे लिए मृत्युदंड की मांग दर्शाती है कि अंतरिम सरकार में चरमपंथियों का बोलबाला है। यह प्रक्रिया न्यायाधिकरण के देश के निर्वाचित प्रधानमंत्री को हटाने और अवामी लीग को राजनीतिक रूप से नष्ट करने के बेशर्म और जानलेवा इरादे को उजागर करती है। मैं न्यायाधिकरण के मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों को भी खारिज करती हूँ, जो बिना किसी सबूत के आधारित हैं।"

शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग
न्यायाधिकरण के फैसले के बाद, यूनुस सरकार ने भी कार्रवाई की। बांग्लादेश सरकार ने भारत से शेख हसीना और असदुज्जमां के प्रत्यर्पण की अपनी मांग दोहराई है। मोहम्मद यूनुस के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि न्यायाधिकरण के फैसले के बाद, यूनुस सरकार ने भी कार्रवाई की है। बांग्लादेश सरकार ने भारत से शेख हसीना और असदुज्जमां के प्रत्यर्पण की अपनी मांग दोहराई है। भारत ने मुहम्मद यूनुस सरकार के इस पैंतरेबाज़ी पर प्रतिक्रिया दी है। भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसने शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए फैसले पर ध्यान दिया है। एक करीबी पड़ोसी होने के नाते, हम बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं। बांग्लादेश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और स्थिरता बनाए रखना आवश्यक है, और भारत हमेशा इन मूल्यों के समर्थन में खड़ा रहेगा। भारत भविष्य में भी बांग्लादेश में सभी हितधारकों के साथ रचनात्मक संवाद जारी रखेगा ताकि देश में स्थिरता और लोकतांत्रिक वातावरण सुनिश्चित हो सके।

शेख हसीना ने खोला मोर्चा
बांग्लादेश में चरमपंथियों को एक बार फिर अशांति फैलाने का मौका मिल गया है, लेकिन इस बार स्थिति और तनावपूर्ण हो सकती है क्योंकि हसीना के समर्थक भी उनका सामना करने की तैयारी कर रहे हैं। शेख हसीना ने अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अवामी लीग पार्टी का हवाला देते हुए, शेख हसीना ने कहा है कि न्यायाधिकरण एक अंतरिम सरकार चला रहा है जिसके पास लोकतांत्रिक जनादेश का अभाव है। उनके खिलाफ मौत की सजा की सिफारिश इस बात का संकेत है कि अंतरिम सरकार के भीतर चरमपंथी बांग्लादेश की अंतिम निर्वाचित प्रधानमंत्री को खत्म करने और अवामी लीग को एक राजनीतिक ताकत के रूप में खत्म करने की साजिश रच रहे हैं।

शेख हसीना के खिलाफ पूरा मामला क्या है?
मामला अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण ने शेख हसीना को जो सज़ा सुनाई है, वह बेहद गंभीर है। पिछले साल जुलाई में छात्रों ने शेख हसीना सरकार की आरक्षण नीति के ख़िलाफ़ प्रदर्शन शुरू किया था, लेकिन ये प्रदर्शन हिंसक हो गए और पुलिस कार्रवाई में लगभग 1,400 छात्रों की मौत हो गई। शेख हसीना पर छात्रों की हत्या का आदेश देने का आरोप लगा था और इसी सिलसिले में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण की स्थापना की गई थी। शेख हसीना पर निहत्थे छात्रों पर गोलीबारी का आदेश देने, ड्रोन और हेलीकॉप्टर से हमले कराने और सैकड़ों लोगों का अपहरण कर उन्हें जबरन जेल में डालने का आरोप है। उन्हें गायब कर दिया गया। शवों को जलाकर सबूत मिटा दिए गए। इन्हीं आरोपों के आधार पर न्यायाधिकरण ने शेख हसीना को मौत की सज़ा सुनाई। हालाँकि, अवामी लीग के नेता खलीलुर रहमान अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के फ़ैसले को ग़ैरक़ानूनी बता रहे हैं।

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