एक मंत्रालय के अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने घरेलू इंडस्ट्री को बचाने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार द्वारा फाइनेंशियल इंसेंटिव भी दिए जा रहे हैं।
मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार, सरकार ने घरेलू इंडस्ट्री की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए हैं। इनमें चीन और वियतनाम जैसे देशों से फ्लैट स्टील प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट पर सेफगार्ड ड्यूटी और एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाना शामिल है।
हाई-क्वालिटी फिनिश्ड स्टील को बढ़ावा देने के लिए, मंत्रालय ने एक प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लागू की है। इस स्कीम के तहत, डिफेंस, पावर जेनरेशन, रिन्यूएबल एनर्जी, ऑटोमोबाइल और एविएशन जैसे सेक्टर्स में इस्तेमाल होने वाले हाई-ग्रेड और स्पेशलिटी स्टील के मैन्युफैक्चरिंग के लिए फाइनेंशियल इंसेंटिव दिए जा रहे हैं।
सरकार कच्चे माल की सप्लाई पर ध्यान दे रही है
सरकार कच्चे माल की उपलब्धता को मजबूत करने पर भी ध्यान दे रही है। अधिकारी ने कहा कि कोकिंग कोल के नए भंडारों की खोज की जा रही है, और हम सप्लाई में विविधता लाने के लिए संसाधन-समृद्ध देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं।
आयरन ओर के लिए नीलामी पहले से ही चल रही है, और स्टील मैन्युफैक्चरर्स को इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
जिंदल स्टील चेयरमैन का बयान
जिंदल स्टील के चेयरमैन और इंडियन स्टील एसोसिएशन के प्रेसिडेंट नवीन जिंदल ने कहा कि भारत ने अच्छी प्रगति की है, लेकिन इसे और तेजी से लागू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने के लिए लगातार डिमांड क्रिएशन, पॉलिसी में स्थिरता और बड़े इन्वेस्टमेंट की जरूरत है।
इंडस्ट्री बॉडी ASSOCHAM ने कहा कि सरकारी सपोर्ट महत्वपूर्ण रहा है, लेकिन बढ़ती कोकिंग कोल की लागत, ज्यादा लॉजिस्टिक्स खर्च, रेलवे रैक की सीमित उपलब्धता और इंफ्रास्ट्रक्चर की रुकावटें अभी भी इस सेक्टर पर दबाव डाल रही हैं। ASSOCHAM को उम्मीद है कि नए साल में स्टील की डिमांड बढ़ेगी और इसलिए, क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स में और ढील मिलने की संभावना नहीं है।