गाजा। हमास के आतंकियों ने 7 अक्टूबर को इजरायलियों पर हमला करके बहुत बड़ी गलती की है। इसकी कीमत फिलिस्तीनी नागरिक चुका रहे हैं। अब तक गाजा में करीब 11 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 15 लाख से अधिक लोग बेघर और विस्थापित हो चुके हैं। हालात इतने ज्यादा खराब है कि वहां भोजन और पानी के भी लाले पड़े हुए हैं। इतना सब होने के बाद भी इजरायल को तरस नहीं आ रहा है। उसका कारण ये है कि पहला हमला हमास ने किया था,इसलिए इजरायल का संकल्प है कि वो हमास का मटियामेट करके ही दम लेना। जबकि फिलिस्तीन दुनियाभर में खुद को बचाने की गुहार लगाता फिर रहा है,भारत से भी कहा है कि हमें हर हाल में बचा लीजिए।
इस सबके बीच फिलिस्तीन ने भारत से मदद की गुहार लगाई है।
भारत में फिलिस्तीनी राजदूत अदनान अबू अलहैजा ने फिलिस्तीनी लोगों के लिए अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत को तत्काल युद्धविराम का आह्वान करने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए।अदनान अबू अलहैजा ने मीडिया में आ रहीं खबरों के मुताबिक अलहैजा ने कहा, मैंने भारत सरकार को कई बार फोन किया है। मैं भारत से फिर आग्रह करता हूं कि वह इजरायल और हमास के बीच तत्काल युद्धविराम के लिए बड़ी भूमिका निभाए।अलहैजा ने कहा, भारत को इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता खरनी चाहिए। तत्काल युद्धविराम का आह्वान करना चाहिए और मानवीय सहायता के लिए सीमाएं खोलने के लिए दबाव डालना चाहिए। ऐसी स्थिति कोविड के दौरान भी नहीं थी। गाजा जैसे छोटे से इलाके में इस तरह के नरसंहार से लोगों को बीमारियां होने का डर है। हर जगह शव पड़े हुए हैं।
संघर्ष विराम पर अन्य देशों से समर्थन मिलने की बात करते हुए फिलिस्तीनी राजदूत ने कहा कि कतर और मिस्र गाजा नागरिकों की सुरक्षा और संघर्ष में संघर्ष विराम के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक समाधान खोजने का आह्वान करता हूं। हम गाजा में शांति और दोनों राज्यों और स्वतंत्र फिलिस्तीन पर संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएन) के प्रस्ताव को अपनाने का आह्वान करते हैं।अदनान अबू अलहैजा ने पिछले महीने भारत के कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की थी, जिनमें कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), जनता दल (यूनाइटेड) और अन्य दलों के नेता शामिल थे।
एक संयुक्त बयान में कहा गया,अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने और फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों और पहचान का सम्मान करने के लिए इजरायल पर दबाव डालना चाहिए। हम क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए गहन राजनयिक प्रयासों और बहुपक्षीय पहल का आह्वान करते हैं।इजरायल ने गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल-शिफा पर धावा बोल दिया। इजरायली सेना को संदेह है कि यहां सुरंगों का इस्तेमाल हमास कमांडरों द्वारा ठिकाने के रूप में किया जा रहा था। हालांकि हमास ने अस्पताल के भीतर उभर रहे मानवीय संकट पर जोर देते हुए इन आरोपों का जोरदार खंडन किया।