प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 'प्रगति' की 48वीं बैठक में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' को रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का मजबूत प्रमाण बताया। केंद्र की 'प्रगति' पहल का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों को एकीकृत करके सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन को बढ़ावा देना है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 'प्रगति' की 48वीं बैठक में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' को रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का मजबूत प्रमाण बताया। केंद्र की 'प्रगति' पहल का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों को एकीकृत करके सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन को बढ़ावा देना है।
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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के बारे में कही ये बात
एक बयान में कहा गया- 'प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों की समीक्षा की।' उन्होंने इन पहलों के रणनीतिक महत्व और रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार को बढ़ावा देने की उनकी क्षमता की सराहना की।
उन्होंने खनन, रेलवे और जल संसाधन क्षेत्रों में परियोजनाओं की समीक्षा की। आर्थिक विकास और जन कल्याण के लिए महत्वपूर्ण इन परियोजनाओं की समीक्षा समयसीमा, अंतर-एजेंसी समन्वय और समस्या समाधान पर ध्यान केंद्रित करते हुए की गई।
पीएम मोदी ने कहा कि परियोजना कार्यान्वयन में देरी से वित्तीय व्यय बढ़ता है और नागरिकों को आवश्यक सेवाओं और बुनियादी ढांचे तक समय पर पहुंच से भी वंचित होना पड़ता है।
स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने का आग्रह किया
इसके अलावा, प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) की समीक्षा करते हुए, उन्होंने सभी राज्यों से आकांक्षी जिलों के साथ-साथ दूरस्थ, आदिवासी और सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि गरीबों और वंचितों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए।
मोदी सरकार का संकल्प, लोकतांत्रिक और संघीय भावना को मजबूत रखेगा
मोदी सरकार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल को संविधान, लोकतांत्रिक भावना और संघीय ढांचे पर हमला बताया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में प्रस्ताव पारित आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया तथा उनके बलिदान को याद करने और सम्मान देने का संकल्प लिया। साथ ही लोकतांत्रिक और संघीय भावना को मजबूत बनाए रखने का संकल्प लिया। बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्यों ने आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले अनगिनत देशवासियों के बलिदान को याद किया। दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
कहा गया कि यह श्रद्धांजलि उन सभी नागरिकों के लिए भी है, जिनके संविधान द्वारा प्रदत्त लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए और जिन्हें अकल्पनीय यातनाएं झेलनी पड़ीं। वर्ष 2025 संविधान हत्या दिवस की 50वीं वर्षगांठ है इस अवसर पर पारित प्रस्ताव में कहा गया कि संविधान पर यह हमला 1974 में नवनिर्माण आंदोलन और सम्पूर्ण क्रांति अभियान को कुचलने के कठोर प्रयास के साथ शुरू हुआ था। वर्ष 2025 संविधान हत्या दिवस की 50वीं वर्षगांठ है।