नई दिल्ली,। सासंदों के निलंबन को लेकर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा है कि लोकतंत्र के मंदिर को उसका श्मशान बना दिया गया है। संजय राउत ने बुधवार को भाजपा पर संसद को, जिसे उन्होंने लोकतंत्र का मंदिर कहा था, श्मशान में तब्दील करने और फिर वहां राम मंदिर का उद्घाटन करने की भव्य योजना बनाने का आरोप लगाया। संजय राउत ने 141 लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के अभूतपूर्व निलंबन पर तीखी प्रतिक्रिया में कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हाल के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा बेकाबू हो गई है।
उन्होंने कहा कि पहले आप लोकतंत्र के मंदिर, हमारी संसद को श्मशान में बदल देते हैं और फिर अयोध्या में राम मंदिर का बड़े धूमधाम से उद्घाटन करने की योजना बनाते हैं, हम इस तरह के दोहरेपन में कभी शामिल नहीं होते हैं। आपको भगवान राम का आशीर्वाद कभी नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अयोध्या में राम मंदिर की दिव्यता के साथ-साथ संसद की पवित्रता भी बनी रहे, लेकिन उन्होंने कसम खाई कि विपक्षी दल लोकतंत्र और संसद के लिए लड़ना जारी रखेंगे।
संजय राउत ने कहा कि 141 सांसदों का निलंबन कोई ऐतिहासिक घटना नहीं है, बल्कि भाजपा और उसके अंधभक्तों की बेशर्मी का उदाहरण है, जिसने देश में लोकतंत्र को जलाकर राख कर दिया है। बता दें कि एसएस-यूबीटी नेता की कड़ी टिप्पणी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार द्वारा 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लिखे पत्र के एक दिन बाद आई है। पवार ने गंभीर घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री के बयान की माँग करने वाले सांसदों के निलंबन की आलोचना करते हुए कहा था कि लोकतंत्र में यह उनका अधिकार है।