भोपाल। पुराने शहर के छोला मंदिर थाना इलाके में दो साल से हाथी की देखभाल कर रहे महावत की सोते समय उसी हाथी के कुचलने से जान चली गई। मृतक महावत सतना का रहने वाला था, जो अपनी टोली के साथ एक दिन पहले ही भोपाल आया था, और सुबह वह सब वापस लौटने वाले थे, लेकिन रात को यह जानलेवा हादसा हो गया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 35 वर्षीय नरेंद्र कपाड़िया पिता शीतल कपाड़िया मूल रुप से ग्राम सलैया, तहसील नागौद जिला सतना का रहने वाला था। उसके पास एक हाथी था, जिसे लेकर वह अलग-अलग शहरो में घूम फिरकर दान मांगने का काम करता था। साथ कई अन्य रिश्तेदार भी टोली के रुप में आते-जाते थे। नरेंद्र एक बुधवार को ही अपनी टोली के दर्जन भर साथियो और रिश्तेदारो के साथ भोपाल आया था। यहॉ दिनभर रुकने के बाद गुरुवार को उनकी वापस लौटने की योजना थी। टोली में शामिल उसके रिश्तेदार भूपेंद्र कपाड़िया ने पुलिस को बताया कि नरेंद के हाथी का नाम ननकी है, भोपाल आकर दिन भर उन्होंने कई मोहल्ले में जाकर दीक्षा लेने के बाद शाम को वह भानपुर ब्रिज के पास पहुंचे थे। उन्होनें रात वहीं बिताने के बाद अलसुबह निकलने का निर्णय लिया। वहॉ एक काम्प्लेक्स वाले से बातचीत होने पर वह उन्हें ठहराने के लिए राजी हो गया। इसके बाद सभी वहीं डेरा लगाकर ठहर गए थे। देर शाम टोली के सभी लोगों ने खाना खाया और आराम करने लगे। रात करीब 9 बजे भूपेंद्र कपाड़िया चैक करने के लिये ननकी के पास पहुंचे तो अधेंरे में उन्हें कोई बेजान पड़ा नजर आया। रोशनी कर देखा तो बेसूध पड़ा व्यक्ति नरेंद्र था, उसके के कान और नाक से खून निकल रहा था, साथ ही हाथ में भी चोंट थी। उन्होनें कांप्लेक्स के सुरक्षा गार्ड को जानकारी दी। गार्ड की सूचना पर पहुंची डायल-100 टीम ने घटनास्थल की छानबीन की। शुरुआती जॉच के आधार पर पुलिस का अनुमान है कि नरेंद्र की मौत हाथी ननकी के पैरों से कुचलकर हुई है। वह हाथी के पास ही सो रहा था, इसी दौरान गलती से हाथी के पैर के नीचे आ गया होगा। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिये भेज दिया।