जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में करीब चार हजार और निजी बंकर बनाए जाएंगे। राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग को सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। रिपोर्ट के आधार पर प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर वित्तीय मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। मौजूदा बंकरों की मरम्मत भी की जाएगी और सीमावर्ती युवाओं को आपातकालीन स्थितियों में बचाव कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में करीब चार हजार और निजी बंकर बनाए जाएंगे। राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग को सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। रिपोर्ट के आधार पर प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर वित्तीय मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इसके अलावा मौजूदा बंकरों की मरम्मत भी की जाएगी।
इसके साथ ही सीमावर्ती युवाओं को आपातकालीन स्थितियों में बचाव कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पिछले 10 सालों में जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती निवासियों के लिए करीब 30 हजार बंकर बनाए गए हैं। इनमें से करीब 9500 बंकर सांबा, जम्मू, कठुआ, पुंछ और राजौरी में हैं। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद 7 से 10 मई के बीच पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में नागरिक ठिकानों पर भारी गोलाबारी की थी।
इसमें 19 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे। हालांकि अब सीमावर्ती इलाकों में स्थिति शांत है, लेकिन बंकर निर्माण की मांग जोर पकड़ने लगी है। सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग को सीमावर्ती इलाकों में बंकरों को लेकर जरूरी सर्वे करने का जिम्मा सौंपा है।
कहां बनेंगे कितने बंकर?
सूत्रों के मुताबिक शुरुआती आकलन के आधार पर करीब चार हजार नए बंकर बनाने का प्रस्ताव है। इनमें से करीब 3400 निजी बंकर होंगे, जबकि 600 अन्य सामुदायिक बंकर होंगे। जिला कठुआ और जिला सांबा के सीमावर्ती क्षेत्रों में करीब एक हजार निजी बंकर बनाए जाएंगे, जबकि शेष 2400 निजी बंकरों में से 1500 बंकर बारामुल्ला के उरी, बांदीपोरा के गुरेज और कुपवाड़ा के कर्ण-टंगडार में बनाए जाएंगे। राजौरी और पुंछ में करीब 900 निजी बंकर बनाए जाएंगे। अंतिम संख्या सर्वे रिपोर्ट के आधार पर तय की जाएगी।
डिजाइन की भी समीक्षा की जाएगी
सूत्रों ने बताया कि मौजूदा बंकरों के डिजाइन की भी समीक्षा की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नए बंकरों में बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कोई समस्या न आए। कई मौजूदा बंकरों में पेयजल आपूर्ति का कोई साधन नहीं है और उनमें शरण लेने वालों को पानी के लिए 200 से 300 मीटर दूर जाना पड़ता है।
शाह ने दिया था आश्वासन
हाल ही में जम्मू और पुंछ के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीमावर्ती क्षेत्रों में नए बंकर बनाए जाएंगे। इसके अलावा केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी नए बंकरों के निर्माण का आश्वासन दिया है।