- 'माओवादियों ने बच्चों को बंदूकें दी थीं, अब उनके हाथ में किताबें हैं', छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित इलाके में गरजे अमित शाह

'माओवादियों ने बच्चों को बंदूकें दी थीं, अब उनके हाथ में किताबें हैं', छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित इलाके में गरजे अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ दौरे पर माओवाद प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों और युवाओं से मुलाकात की, शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। सुरक्षा बलों से बातचीत करते हुए उन्होंने 31 मार्च 2026 तक देश से माओवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा। शाह ने शहीद एएसपी आकाश राव गिरिपंजे के परिवार से भी मुलाकात की और संवेदना व्यक्त की। 

उन्होंने कहा कि माओवाद ने आदिवासी क्षेत्रों के विकास को रोक दिया है और इसे खत्म करना आजादी के बाद सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगा। रायपुर। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को छत्तीसगढ़ दौरे के दूसरे दिन नवा रायपुर में माओवादी हिंसा प्रभावित क्षेत्र नारायणपुर और बीजापुर के 50 से अधिक बच्चों और युवाओं से मुलाकात की, सुरक्षा बल के जवानों से बातचीत की और अधिकारियों के साथ बैठक भी की। 

बच्चों और युवाओं से अपनी मुलाकात के बारे में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि जिन मासूम बच्चों के हाथों में कभी माओवादियों ने बंदूकें थमाई थीं, आज उन्हीं हाथों में किताबें देकर उनका भविष्य संवारा जा रहा है। जब कोई बच्चा बंदूक की जगह पेंसिल पकड़कर ए, बी, सी लिखता है, तो न केवल एक क्षेत्र बल्कि पूरे देश का भविष्य सुधरता है।

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छत्तीसगढ़ सरकार की योजना

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की 'लियोर ओयना' (जंगल से निकलकर उजाले की ओर) योजना के तहत माओवादी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों को रायपुर लाकर मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। जवानों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि मैं यहां मौजूद केंद्रीय सुरक्षा बलों, कोबरा टीम, छत्तीसगढ़ पुलिस बल और डीआरजी के साहस, वीरता, त्याग और समर्पण को सलाम करता हूं।

उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि सेना के जवान जो ठान लेते हैं, उसे हासिल कर लेते हैं। सुरक्षा बलों पर इसी विश्वास के साथ मैं एक बार फिर 31 मार्च 2026 तक माओवादी हिंसा के खात्मे की घोषणा करता हूं।" शाह बस्तर के नारायणपुर जाने वाले थे, लेकिन अपरिहार्य कारणों से उनका दौरा रद्द हो गया।


माओवादियों से मुक्ति आजादी के बाद सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगी

गृह मंत्री ने कहा कि माओवाद गरीब आदिवासी क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी विभीषिका रही है। पिछले 35 सालों में करीब 40 हजार लोग मारे गए या अपंग की तरह जीवन जी रहे हैं। माओवादी हिंसा ने गरीब आदिवासियों को भोजन, बिजली, शिक्षा, घर, शौचालय और शुद्ध पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिलने दी हैं। उद्योग की तो बात ही छोड़िए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 31 मार्च 2026 को जब देश माओवादियों से मुक्त होगा, तो वह क्षण आजादी के बाद सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगा।

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शाह शहीद एएसपी आकाश राव के घर पहुंचे

गृह मंत्री अमित शाह रायपुर में शहीद एएसपी आकाश राव गिरिपंजे के घर पहुंचे और उनके परिजनों से मुलाकात की। गिरिपंजे 9 जून को सुकमा में माओवादियों के आईईडी ब्लास्ट में शहीद हो गए थे। शाह ने गहरी संवेदना व्यक्त की और शोकाकुल परिवार को सांत्वना दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा भी मौजूद थे।

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