लखनऊ में जन्मे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। 2019 में गगनयान के लिए चुने गए और रूस में प्रशिक्षित, उनके पास लड़ाकू विमान उड़ाने का 2000 घंटे से अधिक का अनुभव है। बचपन में एक एयर शो देखने से उनके मन में आसमान में उड़ने का सपना जागा। उनकी पत्नी कामना शुक्ला एक दंत चिकित्सक और उनकी बचपन की दोस्त हैं।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जन्मे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर सवार होकर अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। शुभांशु को लोग शक्स भी कहते हैं और उनके बचपन से जुड़ी बात का खुलासा उनकी बहन शुचि शुक्ला ने किया है। उनकी बहन ने बताया कि बचपन में शुभांशु एक एयर शो देखने गए थे। तभी से शुभांशु विमानों की गति और आवाज के प्रति मोहित हो गए। एयर शो देखने के बाद ही उनके मन में आसमान में उड़ने का सपना जगा था। हालांकि उस वक्त किसी को नहीं पता था कि उनका सपना इतनी जल्दी पूरा हो जाएगा।
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2019 में गगनयान के लिए चुने गए शुभांशु शुक्ला को 2019 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक के रूप में चुना था। उन्होंने 2019 से 2021 तक रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण भी लिया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 फरवरी 2024 को शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष यात्री पंख भी दिए। वायुसेना में शुभांशु शुक्ला को 2 हजार घंटे से अधिक समय तक विभिन्न लड़ाकू विमान उड़ाने का अनुभव है।
शुभांशु शुक्ला के साथी कौन हैं?
अंतरिक्ष मिशन पर जाने से पहले शुभांशु शुक्ला ने एक संदेश भी दिया। उन्होंने कहा, "हम 25 जून को सुबह-सुबह इस ग्रह को छोड़ने की योजना बना रहे हैं, इसलिए मैं इस मिशन से जुड़े सभी लोगों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं और घर पर भी सभी को उनके आशीर्वाद और प्यार के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।" शुभांशु की पत्नी डॉ. कामना शुक्ला पेशे से डेंटिस्ट हैं। वह शुभांशु की स्कूल की दोस्त हैं। स्कूल की पढ़ाई के दौरान ही उनका प्यार परवान चढ़ने लगा था। हालांकि, परिवार की सहमति से उन्होंने शादी भी कर ली।
स्कूल में दोनों दोस्त थे
कामना शुक्ला और शुभांशु शुक्ला प्राइमरी स्कूल के दिनों से ही साथ हैं। कामना ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि वे दोनों तीसरी क्लास से ही साथ पढ़ते थे और फिर वे करीबी दोस्त बन गए। कामना ने बताया कि शुभांशु बहुत शर्मीले, शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं। वे बहुत विनम्र और मृदुभाषी हैं। कामना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि शुभांशु का पहला प्यार हमेशा से आकाश रहा है।