आपातकाल की बरसी पर बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज के दिन कांग्रेस और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए संविधान का गला घोंट दिया था। वह चाहती थीं कि लोकतंत्र रहे या न रहे उनकी सत्ता बनी रहे। कांग्रेस को इस कृत्य के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। लखनऊ। आपातकाल की बरसी पर बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज के दिन कांग्रेस और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए संविधान का गला घोंट दिया था। वह चाहती थीं कि लोकतंत्र रहे या न रहे उनकी सत्ता बनी रहे। कांग्रेस को इस कृत्य के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।
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उन्होंने कांग्रेस के साथ ही उसकी सहयोगी सपा और राजद पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, आपातकाल का विरोध करने वाली पार्टियां आज कांग्रेस के सामने नाक रगड़ती नजर आ रही हैं। सपा हो या राजद, दोनों ने संविधान हत्या दिवस पर न तो कोई बयान दिया और न ही इंटरनेट मीडिया पर कुछ पोस्ट किया। इनका यह दोहरा चरित्र लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। भाजपा ने बुधवार को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को "संविधान हत्या दिवस-2025" के रूप में मनाया। लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा, कांग्रेस को आपातकाल के लिए दलितों, वंचितों और पूरे देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस ने दलितों और वंचितों की आवाज को दबाया, जिन्हें बाबा साहब अंबेडकर ने अपने लेखन के माध्यम से अधिकार दिए थे। आपातकाल के दौरान संविधान की प्रस्तावना में संशोधन कर धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द जोड़ना भारत की आत्मा पर आघात था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान के लिए समाज के हर वर्ग ने अनगिनत कुर्बानियां दी हैं। जिस संविधान को बाबा साहब ने तमाम अपमान सहकर अपनी पूरी बुद्धिमता से तैयार कर भारत के नागरिकों को दिया था, उसका गला घोंटने में कांग्रेस सरकार ने देर नहीं लगाई। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को कांग्रेस ने विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के अधिकारों को बंधक बना लिया था। सेंसरशिप के जरिए मीडिया का गला घोंट दिया गया। एक लाख से ज्यादा लोकतंत्र सेनानियों को गिरफ्तार किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1952 में डॉ. अंबेडकर को देश की संसद तक न पहुंचने देना, 1975 में आपातकाल, 1984 में सिखों का नरसंहार और 2013 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा संसद में पारित अध्यादेश की प्रति फाड़ने का कृत्य अलोकतांत्रिक था। कांग्रेस का वास्तविक आचरण इसी कृत्य से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है। इससे पहले कुछ लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल के दौरान मिली यातनाओं को कार्यक्रम में मौजूद लोगों से साझा किया। किसी ने भूमिगत होने की कहानी सुनाई तो किसी ने थाने और जेल के अनुभव बताए।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी रहें, इसके लिए पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया था। विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने बरेली जेल के अपने अनुभव बताए। मुख्यमंत्री ने 26 लोकतंत्र सेनानियों को पटका बांधकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक ने किया। इस अवसर पर लोकतंत्र सेनानी एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक वाजपेयी, राजेंद्र तिवारी, रमाशंकर त्रिपाठी, विश्राम सागर और देवी दीन पाल मौजूद रहे।
आपातकाल की त्रासदी पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने 'आपातकाल की त्रासदी' थीम पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। लोक भवन में आयोजित इस प्रदर्शनी में समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के कवर पेज और चित्रों के माध्यम से लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी सरकार द्वारा उन पर किए गए अत्याचारों को प्रदर्शित किया गया है।
लोकतंत्र सेनानियों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकतंत्र सेनानियों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों के साथ-साथ उनके परिजनों को भी कैशलेस सुविधा दी जाएगी। उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों से अपील की है कि वे अपने-अपने जिलों में जाएं और ऐसे लोगों और दलों को बेनकाब करें, जिन्होंने सत्ता के लालच में संविधान और लोकतंत्र की हत्या की है।