दक्षिण-पश्चिम मानसून के समय से पहले आने से किसानों को राहत मिली है, लेकिन कई राज्यों में भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और सोलन में भूस्खलन से यातायात बाधित हुआ है और ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है। झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा में भी भारी बारिश से हालात खराब हो रहे हैं।
नई दिल्ली। इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पूरे देश में समय से पहले दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया है कि मानसून सामान्य तिथि 8 जुलाई से 9 दिन पहले पूरे भारत में पहुंच गया है। एक तरफ जहां किसानों के लिए यह राहत की खबर है, वहीं दूसरी तरफ कई राज्यों में भारी बारिश (Weather Update Today) ने बाढ़ और भूस्खलन के खतरे बढ़ा दिए हैं।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्न' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं।
youtube- https://www.youtube.com/@bejodratna646
उत्तर से लेकर दक्षिण और पहाड़ों से लेकर मैदानों तक बारिश का असर देखने को मिल रहा है। हिमाचल में मानसून का कहर हिमाचल प्रदेश में मानसून के दस्तक देने के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं की खबरें आने लगी हैं। कुल्लू में 25 जून को बादल फटने की घटना के बाद सोलन जिले में भारी बारिश के कारण शिमला-कालका रेल लाइन फिर से बाधित हो गई है। भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी यातायात ठप है। मंडी जिले में ब्यास नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है।
लारजी बांध में पानी भर जाने के कारण पंडोह बांध के सभी पांच गेट खोल दिए गए हैं। बांध में प्रति सेकंड 44,000 क्यूसेक पानी आ रहा है और इतना ही पानी छोड़ा जा रहा है। प्रशासन ने लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की चेतावनी दी है।
ब्यास नदी ने फिर बदला अपना रास्ता
दो साल पहले मनाली में आई बाढ़ की भयावह यादें फिर से ताजा हो गई हैं। भारी बारिश के कारण ब्यास नदी अपना रास्ता बदल रही है, जिससे किनारे बसे घरों और दुकानों को खतरा पैदा हो गया है। हिमाचल में अब तक बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं में 30 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
मौसम विभाग ने हिमाचल के 10 जिलों बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना में भारी बारिश और अचानक बाढ़ आने की चेतावनी दी है। 1 जुलाई तक राज्य में भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।
मैदानी इलाकों में भी परेशानी
झारखंड के जमशेदपुर और रामगढ़ में भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। रजरप्पा मंदिर के पास भैरवी नदी के तेज बहाव में एक युवक की मौत हो गई। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा नदी उफान पर है और कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
राजस्थान के पाली और ओडिशा के मयूरभंज जिले में भी भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बुधबलंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे आसपास के इलाकों में चिंता बढ़ गई है।
उत्तराखंड में रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने उत्तराखंड में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। सुरक्षा के मद्देनजर चारधाम यात्रा को 24 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया है। बद्रीनाथ और केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को श्रीनगर और रुद्रप्रयाग में रोक दिया गया है, जबकि यमुनोत्री और गंगोत्री जाने वाले तीर्थयात्रियों को विकासनगर और बड़कोट में रोका गया है।
उत्तरकाशी में सिलाई बैंड के पास बादल फटने से एक होटल निर्माण स्थल पर भूस्खलन हुआ, जिससे मलबे में 9 मजदूर दब गए। अब तक दो शव बरामद किए गए हैं और सात की तलाश जारी है। भूस्खलन के कारण यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे भी बंद कर दिए गए हैं। लोगों को सतर्क रहने की सलाह अगले 24 घंटों में उत्तर भारत में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने निचले और संवेदनशील इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन के खतरे की चेतावनी दी है। हिमाचल, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड समेत कई राज्यों के प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।