- भारत का UPI अंतरराष्ट्रीय बाजार पर छा रहा है, बदलाव का बादशाह बन रहा है; IMF ने की तारीफ

भारत का UPI अंतरराष्ट्रीय बाजार पर छा रहा है, बदलाव का बादशाह बन रहा है; IMF ने की तारीफ

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के नोट में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को बड़े पैमाने पर अपनाने के कारण भारत दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में तेज़ भुगतान करने वाला देश बन गया है। IMF ने नोट में कहा कि UPI ने भारत में डिजिटल भुगतान की दुनिया को बदल दिया है।
भारत दुनिया में डिजिटल भुगतान के मामले में सबसे आगे है। इसकी वजह UPI है। इस तकनीक ने न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर डिजिटल भुगतान में हलचल मचा दी है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF भी भारत की इस तकनीक का मुरीद हो गया है। वैश्विक संस्था ने इसकी तारीफ़ की है।
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IMF ने कहा कि 2016 में शुरू हुए UPI ने भारत में भुगतान का तरीका बदल दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि तेज़ भुगतान प्रणाली में भारत अन्य सभी देशों से आगे है। इस उपलब्धि का श्रेय UPI को दिया जा रहा है। यह इसी की बदौलत संभव हो पाया है। अपने विश्लेषण में, IMF ने इस बात पर ज़ोर दिया कि UPI के आने के बाद से एटीएम से पैसे निकालने जैसे नकदी के इस्तेमाल के तरीकों में कमी आई है। अब यूपीआई के ज़रिए हर महीने 18 अरब से ज़्यादा लेन-देन होते हैं।

यूपीआई क्यों सफल है?

आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यूपीआई की सफलता इसकी डिज़ाइन यानी लेन-देन के तरीके में सरलता के कारण है। इसने विभिन्न बैंकों और भुगतान प्रदाताओं को ग्राहकों से जोड़कर लेन-देन के तरीके को बेहद आसान बना दिया है।
यूपीआई सिर्फ़ भारत में ही नहीं, बल्कि कई देशों में सक्रिय है। भारत का यूपीआई 7 देशों में इस्तेमाल हो रहा है। यूएई और ब्राज़ील जैसे देश भी भारत की इस तकनीक के दीवाने हैं। इन दोनों देशों में भी इसका इस्तेमाल होता है।

यूपीआई लेन-देन साल दर साल बढ़ रहा है

पिछले साल दिसंबर में जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, अक्टूबर 2024 में 16.58 अरब लेन-देन के ज़रिए यूपीआई के ज़रिए मासिक लेन-देन 23.49 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। यह अक्टूबर 2023 की तुलना में 45 प्रतिशत ज़्यादा है। अब 632 बैंक यूपीआई प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रिय हैं।

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