- हाईकोर्ट से झटका मिलने के बाद कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, अग्रिम जमानत की अर्जी; 14 जुलाई को होगी सुनवाई

हाईकोर्ट से झटका मिलने के बाद कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, अग्रिम जमानत की अर्जी; 14 जुलाई को होगी सुनवाई

प्रधानमंत्री और आरएसएस पर आपत्तिजनक कार्टून पोस्ट करने वाले इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम ज़मानत के लिए याचिका दायर की है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिका खारिज किए जाने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट 14 जुलाई को मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।
प्रधानमंत्री और आरएसएस पर फेसबुक पर आपत्तिजनक कार्टून पोस्ट करने के मामले का सामना कर रहे इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हेमंत मालवीय ने अग्रिम ज़मानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
यह भी जानिये:-

सुप्रीम कोर्ट 14 जुलाई को याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 3 जुलाई को हेमंत मालवीय की अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग है। उच्च न्यायालय द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद, मालवीय अब राहत की गुहार लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुँचे हैं।

शीघ्र सुनवाई का अनुरोध
शुक्रवार को मालवीय की ओर से पेश अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ के समक्ष याचिका का हवाला देते हुए शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया। ग्रोवर ने कहा कि यह मामला एक कार्टून से संबंधित है, जो मालवीय ने 2021 में कोरोना महामारी के दौरान बनाया था। कहा कि कथित अपराध में बीएनएस के तहत तीन साल की कैद का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुए कार्टूनिस्ट की निंदा की है। ग्रोवर की दलीलें सुनने के बाद, सर्वोच्च न्यायालय ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया और मामले को 14 जुलाई को सुनवाई के लिए रखने का निर्देश दिया।

आरएसएस कार्यकर्ता ने की थी शिकायत

इस मामले में, आरएसएस कार्यकर्ता और स्थानीय वकील विनय जोशी ने मई में इंदौर के लसूड़िया थाने में हेमंत मालवीय के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने से हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँची है और सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ा है। शिकायत में कई आपत्तिजनक पोस्ट का उल्लेख किया गया है, जिसमें भगवान शिव के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां और कार्टून, वीडियो, फोटो तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस कार्यकर्ताओं आदि के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां शामिल हैं।

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