- क्या हर बार बुखार होने पर दवा लेना सही है? किसी विशेषज्ञ से जानें ज़रूरी बातें।

क्या हर बार बुखार होने पर दवा लेना सही है? किसी विशेषज्ञ से जानें ज़रूरी बातें।

क्या हर तरह के बुखार के लिए दवा लेनी चाहिए? विशेषज्ञ बताते हैं कि कब पैरासिटामोल या अन्य दवाएँ लेना उचित है और कब शरीर को अपने आप ठीक होने देना सबसे अच्छा है।

बुखार आना आम बात है। मौसम में बदलाव, वायरल संक्रमण या थकान के कारण शरीर का तापमान बढ़ सकता है। कई लोग बिना सोचे-समझे पैरासिटामोल या अन्य दवाएँ ले लेते हैं। आइए जानें कि क्या हर बार बुखार होने पर दवा लेना उचित है। इस बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

बुखार कौन सी बीमारी है?

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, दिल्ली के वरिष्ठ आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. अनिल के अनुसार, बुखार शरीर की रक्षा प्रणाली है। जब वायरस या बैक्टीरिया हमला करते हैं, तो शरीर अपना तापमान बढ़ाकर उन्हें खत्म करने की कोशिश करता है। 99-100 डिग्री फ़ारेनहाइट का बुखार सामान्य है और इसे तुरंत दवा से कम करने की ज़रूरत नहीं है। जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिजीज में 2025 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, हल्का बुखार (100-102 डिग्री सेल्सियस) शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। अगर बुखार 103 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा हो जाए या तीन दिन से ज़्यादा रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है। शोध में यह भी पाया गया है कि बार-बार दवा से बुखार को दबाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर हो सकती है।

हर बार दवा लेना क्यों गलत है?

डॉ. अनिल के अनुसार, अक्सर लोग बुखार आते ही पैरासिटामोल या आइबुप्रोफेन ले लेते हैं, लेकिन यह आदत स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। इन दवाओं का ज़्यादा सेवन लिवर और किडनी को नुकसान पहुँचा सकता है। बुखार का कारण समझे बिना दवा लेना खतरनाक हो सकता है। उदाहरण के लिए, अगर बुखार डेंगू या मलेरिया के कारण है, तो सिर्फ़ बुखार कम करने से बीमारी ठीक नहीं होगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 60 प्रतिशत लोग बुखार के लिए बिना डॉक्टर के पर्चे के मिलने वाली दवाएँ लेते हैं। इससे न सिर्फ़ दवाओं का असर कम होता है, बल्कि साइड इफ़ेक्ट का ख़तरा भी बढ़ जाता है।

बुखार होने पर क्या करें?

डॉ. अनिल के अनुसार, अगर आपको हल्का बुखार है, तो पहले घरेलू उपाय आज़माएँ। खूब पानी पिएँ, हल्का खाना खाएँ और आराम करें। बच्चों में 102 डिग्री तक के बुखार को बिना दवा के नियंत्रित किया जा सकता है। गीले कपड़े से पोंछने और हल्के कपड़े पहनने से आराम मिलता है। अगर बुखार के साथ सिरदर्द, उल्टी या सांस लेने में तकलीफ हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। थर्मामीटर से बुखार नापें और अगर बुखार 103 डिग्री से ज़्यादा हो, तो डॉक्टर के निर्देशानुसार दवा लें।

ये तरीके मददगार होंगे:

पानी पीना ज़रूरी है: बुखार से डिहाइड्रेशन हो जाता है। पानी, नारियल पानी या ओआरएस पिएँ।

हल्का खाना: खिचड़ी, सूप या दलिया खाएँ। तले हुए खाने से बचें।

आराम: बुखार के दौरान शरीर को आराम की ज़रूरत होती है। ज़्यादा मेहनत करने से बचें।

साफ़-सफ़ाई: संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बार-बार हाथ धोएँ।

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