राजनाथ सिंह ने कहा कि सिंध हमेशा से कल्चर के हिसाब से भारत का हिस्सा रहा है और रहेगा। उन्होंने कहा कि बॉर्डर कभी भी बदल सकते हैं। उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी का भी ज़िक्र किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में एक इवेंट के दौरान कहा कि सिंध का इलाका आज भले ही भारत का हिस्सा न हो, लेकिन कल्चर के हिसाब से यह हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा, और जहां तक ज़मीन का सवाल है, बॉर्डर बदल सकते हैं। कौन जानता है, कल सिंध भारत में वापस आ जाए। राजनाथ सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान-स्पॉन्सर्ड टेररिज़्म भारत के लिए एक बड़ी समस्या बना हुआ है।
इसी साल अप्रैल में, पाकिस्तान में ट्रेंड आतंकवादियों ने पहलगाम में 26 टूरिस्ट को मार डाला था। इसके बाद दिल्ली में बम धमाके हुए जिनमें 15 लोग मारे गए। यह घटना भी पाकिस्तान से जुड़ी हुई लगती है।
उन्होंने सिंधु नदी के बारे में क्या कहा?
सिंधु नदी को पवित्र बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "मैं यहां लाल कृष्ण आडवाणी का भी ज़िक्र करना चाहूंगा। उन्होंने अपनी एक किताब में लिखा था कि सिंधी हिंदू, खासकर उनकी पीढ़ी के लोग, आज भी सिंध को भारत से अलग नहीं मानते। सिर्फ़ सिंध में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में हिंदू सिंधु नदी को पवित्र मानते थे। सिंध में कई मुसलमान भी मानते थे कि सिंधु का पानी मक्का के ज़मज़म के पानी से कम पवित्र नहीं है। यह आडवाणी का कोट है। आज सिंध की ज़मीन भले ही भारत का हिस्सा न हो, लेकिन सभ्यता के हिसाब से सिंध हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा। और जहां तक ज़मीन की बात है, सीमाएं बदल सकती हैं। कौन जानता है, कल सिंध फिर से भारत में वापस आ जाए। सिंध के हमारे लोग, जो सिंधु नदी को पवित्र मानते हैं, हमेशा हमारे अपने रहेंगे। वे कहीं भी हों, वे हमेशा हमारे ही रहेंगे।"