BMC चुनावों से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हो गई हैं। इस बीच, शिवसेना ने उत्तर भारतीय वोटरों को लुभाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे उत्तर भारतीय लोगों के साथ संवाद कार्यक्रम करेंगे।
महाराष्ट्र में चुनाव आयोग ने BMC समेत 29 नगर निगमों के चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं और वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रही हैं। अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने उत्तर भारतीय वोटरों को आकर्षित करने के लिए एक अहम कदम उठाया है। पार्टी ने इन वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत एकनाथ शिंदे उत्तर भारतीय OBC समुदाय के लोगों से बातचीत करेंगे। यह संवाद कार्यक्रम शनिवार को शाम 7:30 बजे ठाणे शहर के टॉप प्लाजा ऑडिटोरियम में शुरू होगा।
शिंदे इन समुदायों के लोगों से बातचीत करेंगे:
इस शिवसेना कार्यक्रम में मुंबई में रहने वाले उत्तर भारतीय OBC समुदाय के विश्वकर्मा, बिंद, गुप्ता, चौहान, यादव, पाल, चौरसिया, धोबी, कुम्हार, पासी, पटेल (कुर्मी), पटवा, प्रजापति, नाई, राजभर, लोधी, माली और निषाद समुदायों के प्रमुख प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इस संवाद कार्यक्रम के दौरान मुंबई में उत्तर भारतीय OBC समुदाय को OBC दर्जा हासिल करने में आने वाली दिक्कतों पर चर्चा की जाएगी। दरअसल, महाराष्ट्र में नियम-कानून इतने जटिल हैं कि उत्तर भारतीय, भले ही वे OBC समुदाय के हों, उन्हें OBC समुदाय के लिए तय आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा है।
मुंबई में कितने उत्तर भारतीय वोटर हैं?
गौरतलब है कि मुंबई में करीब 22 लाख उत्तर भारतीय वोटर हैं। मराठी वोटरों के बाद उत्तर भारतीय वोटर दूसरा सबसे बड़ा वोट बैंक हैं। BMC की 227 सीटों में से करीब 72 सीटों पर उत्तर भारतीय वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इसलिए, चुनावों से पहले राजनीतिक पार्टियां उत्तर भारतीय वोटरों को लुभाने की कोशिश करती दिख रही हैं।
BMC चुनाव कब हैं?
महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि राज्य में बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) सहित 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को एक ही चरण में होंगे। वोटों की गिनती 16 जनवरी को होगी। इन नगर निगमों में कुल 2,869 सीटों के लिए वोटिंग होगी, जिसमें BMC (बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन) की 227 सीटें शामिल हैं। इन चुनावों में 3.48 करोड़ से ज़्यादा वोटर वोट डालने के लिए एलिजिबल हैं।