सरकार ने आज लोकसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया है, जिसके तहत प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और राज्य मंत्रियों को गिरफ़्तार होने पर पद छोड़ना होगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में 130वाँ संविधान संशोधन विधेयक 2025 पेश किया। इस विधेयक में मुख्यमंत्री, राज्य मंत्रियों के इस्तीफ़े का प्रावधान है। इस विधेयक के तहत, अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और राज्य मंत्री गिरफ़्तार होते हैं, तो उन्हें पद छोड़ना होगा। वहीं, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और मंत्रियों की गिरफ़्तारी के बाद भी यह नियम लागू होगा। गंभीर आपराधिक आरोपों में हिरासत में लिए जाने पर भी उन्हें पद से हटाया जा सकेगा।
आज संसद में कौन से विधेयक हैं?
1. 130वाँ संविधान संशोधन विधेयक 2025
2. केंद्र शासित प्रदेश संशोधन विधेयक 2025
3. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025
4. ऑनलाइन गेमिंग का प्रचार और विनियमन विधेयक 2025
गिरफ़्तारी के बाद इस्तीफ़ा क्यों ज़रूरी होना चाहिए?
कारण संख्या 1- निष्पक्ष जाँच हो सके।
कारण संख्या 2- जाँच एजेंसी/अधिकारी पर दबाव नहीं डाला जा सकता।
कारण संख्या 3- गवाहों को प्रभावित नहीं किया जा सकता।
कारण संख्या 4- सबूत नष्ट करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।
ये मामले हाल ही में चर्चा में रहे थे।
आपको बता दें कि हाल ही में जाँच एजेंसियों ने कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को अलग-अलग मामलों में गिरफ़्तार किया था। लेकिन इनमें से एक मुख्यमंत्री ने गिरफ़्तारी के बावजूद इस्तीफ़ा नहीं दिया। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक मामले में गिरफ़्तार किया था, लेकिन उन्होंने जेल जाने के बावजूद अपने पद से इस्तीफ़ा नहीं दिया।
वहीं, ईडी ने झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी एक मामले में गिरफ़्तार किया था, लेकिन उन्होंने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। इसके अलावा, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी गिरफ़्तार किया जा चुका है। ऐसे में अगर नया विधेयक पारित हो जाता है, तो इसका सीधा मतलब होगा कि पद पर बैठे नेता को कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।