केंद्र सरकार बुधवार को संसद सत्र में तीन विधेयक पेश करने जा रही है, जिसमें 130वें संविधान संशोधन विधेयक-2025 को लेकर विपक्ष का कड़ा विरोध देखने को मिल रहा है। इस पर सीएम ममता बनर्जी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार (20 अगस्त, 2025) को संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि यह 'सुपर-इमरजेंसी' से भी बड़ा कदम है और यह भारत में लोकतांत्रिक युग को हमेशा के लिए समाप्त कर देगा।
केंद्र सरकार ने संसद में तीन संविधान संशोधन विधेयक पेश किए, जिनके तहत प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री या मंत्री को गंभीर आपराधिक आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार या हिरासत में रखने पर पद से हटाया जा सकता है।
सुपर इमरजेंसी से भी बड़ा खतरा: ममता
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में दावा किया कि यह विधेयक देश की न्यायपालिका की स्वतंत्रता को समाप्त कर देगा। उन्होंने कहा, 'मैं भारत सरकार द्वारा आज पेश किए जाने वाले 130वें संविधान संशोधन विधेयक की निंदा करती हूँ। मैं इसे भारत के लोकतांत्रिक युग को हमेशा के लिए समाप्त करने की दिशा में उठाया गया एक कदम मानती हूँ, जो किसी महाआपातकाल से भी बड़ा है।'
बनर्जी ने कहा कि यह दमनकारी कदम भारत में लोकतंत्र और संघवाद के लिए खतरे का संकेत है और आरोप लगाया कि इस विधेयक का उद्देश्य 'एक व्यक्ति-एक पार्टी-एक सरकार' की व्यवस्था को मज़बूत करना है। यह विधेयक संविधान के मूल ढाँचे को कुचलता है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए इस विधेयक का हर कीमत पर विरोध किया जाना चाहिए।
130वाँ संशोधन विधेयक क्या है?
बुधवार को संसद में तीन नए विधेयक, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, 130वाँ संविधान संशोधन विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किए जाएँगे। 130वें संविधान संशोधन विधेयक के अनुसार, अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री को किसी गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ़्तार किया जाता है, तो उन्हें पद से हटाया जा सकता है। सरकार इस विधेयक के माध्यम से इस संबंध में कानून बनाने जा रही है।