उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर ज़िले के जलालाबाद का नाम बदल दिया गया है। अब जलालाबाद को परशुरामपुरी के नाम से जाना जाएगा।
उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर ज़िले में स्थित जलालाबाद कस्बे का नाम अब बदलकर परशुरामपुरी कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस नाम परिवर्तन को मंज़ूरी दे दी है। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर सूचित किया है कि भारत सरकार को शहर का नाम "जलालाबाद" से बदलकर "परशुरामपुरी" करने पर कोई आपत्ति नहीं है।
जितिन प्रसाद ने जताया आभार
शाहजहाँपुर ज़िले के जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी करने की अनुमति मिलने के बाद, केंद्रीय मंत्री और पीलीभीत से सांसद जितिन प्रसाद ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर अपनी खुशी ज़ाहिर की। उन्होंने इस फ़ैसले के लिए गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया।
जितिन प्रसाद ने इस फ़ैसले को समस्त सनातनी समाज के लिए गौरव का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि इस फ़ैसले ने भगवान परशुराम के भक्तों के लिए गर्व और खुशी का पल प्रदान किया है। उन्होंने स्वयं को इस पुण्य कार्य में एक माध्यम मात्र बताया और कहा कि यह सब भगवान परशुराम की कृपा से ही संभव हो पाया है। साथ ही, उन्होंने ईश्वर से समस्त विश्व पर अपनी कृपा बनाए रखने की प्रार्थना की।
शहीदों की नगरी शाहजहाँपुर
बता दें कि शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में से एक है, जो अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कृषि संबंधी महत्व के लिए जाना जाता है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण इसे "शहीदों की नगरी" भी कहा जाता है।
शाहजहाँपुर की स्थापना 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट शाहजहाँ के शासनकाल में हुई थी। इसका नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया था। यह जिला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खाँ और ठाकुर रोशन सिंह जैसे प्रसिद्ध क्रांतिकारी इसी जिले से थे। ये सभी काकोरी कांड में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते हैं।