उत्तर प्रदेश सरकार में तीन कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल, संजय निषाद और ओम प्रकाश राजभर एक साथ नज़र आए। कार्यक्रम निषाद पार्टी का था और अखिलेश यादव पर जुबानी हमले हुए, लेकिन कहीं न कहीं बीजेपी भी निशाने पर दिखी।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव वर्ष 2027 में प्रस्तावित हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इन तैयारियों में न सिर्फ़ अपनी सांगठनिक स्थिति को मज़बूत और सुदृढ़ करने की कोशिश है, बल्कि अगर पार्टी किसी गठबंधन का हिस्सा है, तो उस पर दबाव बनाने की रणनीति पर भी काम करना शुरू कर दिया है। इसकी एक झलक हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में देखने को मिली।
यहाँ भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए के तीन घटक दल - निषाद पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और अपना दल-एस एक साथ नज़र आए। वैसे तो यह कार्यक्रम निषाद पार्टी के 10वें स्थापना दिवस का था, लेकिन सुभासपा, अपना दल-एस और राष्ट्रीय लोकदल की मौजूदगी ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। इतना ही नहीं, यूपी के राजनीतिक दल द्वारा दिल्ली में कार्यक्रम आयोजित करने के पीछे एक सुनियोजित रणनीति का भी संकेत मिल रहा है।
माना जा रहा है कि जिस तरह से निषाद पार्टी, अपना दल एस, रालोद और सुभासपा एक मंच पर आए हैं, वह न केवल विधानसभा चुनाव, बल्कि आगामी पंचायत चुनाव में भी सीटों को लेकर भाजपा पर दबाव बनाने की रणनीति हो सकती है।
तीनों नेता एक तीर से तीन निशाने साधेंगे!
इस कार्यक्रम में सुभासपा प्रमुख और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर, अपना दल एस नेता और कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने अपने संबोधनों में समाजवादी पार्टी और उसकी पीडीए रणनीति पर भले ही जुबानी हमला बोला हो, लेकिन उनके तेवर इस बात का भी संकेत दे रहे हैं कि वे भाजपा के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
सुभासपा प्रमुख पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेगी। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने भी सम्मेलन में फैसला लिया है कि वह भी बिहार चुनाव में भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। सुभासपा और निषाद पार्टी पहले ही बिहार में एनडीए से सीटों की मांग कर चुकी हैं। हालांकि, बिहार चुनाव को लेकर अपना दल एस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। माना जा रहा है कि तीनों दलों को बिहार में दबाव बढ़ाने की रणनीति के तहत एक साथ देखा गया।
साथ ही, यह भी चर्चा है कि दिल्ली में कार्यक्रम आयोजित करने के पीछे भाजपा आलाकमान को संदेश देना था। अब देखना दिलचस्प होगा कि संजय निषाद, आशीष पटेल और ओपी राजभर की यह रणनीति बिहार चुनाव, यूपी पंचायत चुनाव 2026 और यूपी विधानसभा चुनाव 2027 में कितनी कारगर साबित होती है।