- नीतीश, तेजस्वी या प्रशांत, किस चेहरे में सबसे ज्यादा दम, कौन है पहली पसंद, बिहार का ताजा सर्वे उड़ा देगा होश

नीतीश, तेजस्वी या प्रशांत, किस चेहरे में सबसे ज्यादा दम, कौन है पहली पसंद, बिहार का ताजा सर्वे उड़ा देगा होश

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सी-वोटर सर्वे के ताज़ा आंकड़े सामने आए हैं। जानिए नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, चिराग पासवान और प्रशांत किशोर में किसकी लोकप्रियता बढ़ रही है और जनता का मूड क्या है।

बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है, हालाँकि अभी चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। चुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक गहमागहमी चरम पर है। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और मतदाता सूची से नाम हटाने को लेकर छिड़े विवाद के बीच राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति तेज़ कर दी है। इस दौरान सी-वोटर ने एक ताज़ा सर्वे जारी किया है, जो बताता है कि जनता के बीच किस नेता की लोकप्रियता बढ़ रही है और कौन पिछड़ रहा है। सर्वे के अनुसार, यह चुनाव एनडीए बनाम भारत गठबंधन के साथ-साथ निर्दलीय चेहरे प्रशांत किशोर के लिए भी एक बड़ा मौका साबित हो सकता है।

इस बार मतदाता सूची विवाद और एसआईआर ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव भी मतदाता अधिकार यात्रा के ज़रिए लगातार जनता से संवाद कर रहे हैं। ऐसे में यह जानना बेहद ज़रूरी है कि जनता किसे मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है। इसी सिलसिले में सी-वोटर ने फरवरी, जून और अगस्त 2025 में तीन अलग-अलग सर्वे किए। आइए देखते हैं जनता की राय क्या कहती है।

सी-वोटर सर्वे: नीतीश कुमार और एनडीए के चेहरे

नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार की राजनीति का एक बड़ा चेहरा रहे हैं, लेकिन सी-वोटर सर्वे बताता है कि उनकी लोकप्रियता लगातार गिर रही है। फरवरी में 18% लोग उन्हें सीएम के चेहरे के रूप में पसंद कर रहे थे। जून में यह आँकड़ा 18% पर रहा, लेकिन अगस्त आते-आते यह घटकर 15% रह गया। एनडीए के दूसरे चेहरे चिराग पासवान और सम्राट चौधरी हैं। फरवरी में चिराग पासवान की लोकप्रियता 4% थी, जून में अचानक 11% पर पहुँच गई, लेकिन अगस्त में घटकर 10% रह गई। सम्राट चौधरी की लोकप्रियता फरवरी में 8%, जून में 7% और अगस्त में 10% थी। यानी एनडीए में फिलहाल कोई भी बड़ा चेहरा नीतीश कुमार की जगह नहीं ले पाया है।

तेजस्वी यादव जनता की पहली पसंद हैं?
भारत गठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। सर्वे के तीनों चरणों में वे नंबर वन रहे हैं। फरवरी में 41%, जून में 37% और अगस्त में 31%। इस तरह उनकी लोकप्रियता में गिरावट आ रही है, लेकिन इसके बावजूद वे नीतीश कुमार, चिराग पासवान और सम्राट चौधरी से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि जनता का झुकाव अभी भी तेजस्वी यादव की ओर है, भले ही ग्राफ थोड़ा नीचे आया हो।

क्या प्रशांत किशोर किंगमेकर बनेंगे या खिलाड़ी?
सबसे दिलचस्प चेहरा प्रशांत किशोर का है। फरवरी में उन्हें 15 प्रतिशत वोट मिले थे, जून में यह आंकड़ा बढ़कर 16 हो गया और अगस्त में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 22 पर पहुँच गया। यानी उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। अगर यही रफ्तार रही तो नवंबर तक वे बड़ी चुनौती बन सकते हैं। चूँकि वे किसी गठबंधन से जुड़े नहीं हैं, इसलिए सवाल उठता है कि क्या वे किंगमेकर बनेंगे या खुद किंग बनने की कोशिश करेंगे।

चुनाव आयोग और राहुल गांधी के बीच विवाद
इस चुनावी माहौल में, राहुल गांधी ने मतदाता सूची से नाम हटाए जाने और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए हैं। एक सर्वेक्षण में 59% लोगों ने माना कि राहुल गांधी के आरोप सही हैं। वहीं, 67% लोगों ने कहा कि चुनाव आयोग को राहुल गांधी के सवालों का जवाब देना चाहिए। यह मुद्दा मतदाताओं को सीधे प्रभावित कर सकता है और चुनावी समीकरण बदल सकता है।

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