आम रास्ते से हटाया कब्जा, सरकारी भूमि में खडी गेंहू की फसल को कोटवार के किया सुपुर्द
डबरा (बेजोड रत्न ब्यूरो)। 35 लाख रूपये कीमती सरकारी भूमि पर कब्जा करने वाले भूमाफिया पर कार्यवाही करने के लिए बुधवार को एसडीएम प्रखर सिंह अपनी राजस्व टीम के साथ सरनागत गांव में पहुंचे। जहां उन्होनें किसान एप्प से कब्जे वाली जमीन को नाप तौल करके जिस सार्वजनिक रास्ते को भी भूमाफिया ने अतिक्रमण कर लिया था उस रास्ते को राजस्व टीम ने जेसीबी मशीन चलाकर उस रास्ते पर खडी गेंहू की फसल को नेस्तनाबूत किया और सरकारी भूमि पर खडी गेंहू की फसल को पकने तक के लिए तहसीलदार की निगरानी में स्थानीय चैकीदार को सुपुर्द किया गया। एसडीएम की इस कार्यवाही से भूमाफियाओं में हडकंप मच गया। यहां तक कि ढाई बीघा में खडी सरसों की फसल को जेसीबी मशीन ने मौके पर ही नष्ट किया। एसडीएम ने भूमाफियाओं को हिदायत दी कि उक्त सरकारी भूमि पर दोबारा कब्जा करने की कोशिश की तो कार्यवाही सख्त होगी।
ग्रामीणों ने की थी शिकायत एसडीएम से.......
दरअसल, सरनागत गांव में 50 किसान अपने खेतों तक पहुंचने के लिए मुख्य रास्ते के लिए बहुत परेशान थे जिसको लेकर बीते मंगलवार को गांव के कुछ किसानों ने गांव के भूमाफिया के खिलाफ सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर गेंहू की फसल उगाने को लेकर शिकायती आवेदन दिया था जिस आवेदन को एसडीएम आईएएस अधिकारी ने गंभीरता से लिया और बुधवार को तहसीलदार सियाराम धाकड और राजस्व टीम के साथ स्वंय मौके पर पहुंचे। सरकारी भूमि की किसान एप्प से नापतौल कराई गई और जिस सरकारी रास्ते पर भूमाफिया ने गेंहू की फसल तैयार की थी। उस रास्ते की गेंहू की फसल को जेसीबी मशीन से नेस्तनाबूत करा दिया, अतिक्रमणकर्ता संजीव शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा, रघुनंदन शर्मा को एसडीएम ने सख्त हिदायत दी है कि उक्त जमीन पर अगर दोबारा कब्जा किया तो सख्त कार्यवाही होगी।
तीनों न्यायालय ने किया था जुर्माना अलग-अलग.....
दरअसल, एसडीएम को दी शिकायत में ग्रामीणों ने संजीव शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा, रघुनंदन शर्मा पर आरोप लगाया था कि इन दबंगों के द्वारा लाखों रूपये की सरकारी भूमि पर कई वर्षाें से अतिक्रमण करके वर्ष में करने वाली विभिन्न फसलों की पैदावार करके आय का साधन बना लिया था। हालांकि तहसीलदार और एसडीएम न्यायालय यहां तक कि डिप्टी कलेक्टर न्यायालय ने उक्त भूमि को सरकारी माना है और पूर्व में तहसीलदार ने इन सभी दबंगो पर 10-10 हजार रूपये का जुर्माना भी किया था लेकिन उसके बावजूद भी दबंगो द्वारा सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया था।