- 'जब देश की बात आती है, जब कोई संकट होता है...', केंद्रीय मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर पर पृथ्वीराज चव्हाण के विवादित बयान पर उन पर हमला बोला।

'जब देश की बात आती है, जब कोई संकट होता है...', केंद्रीय मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर पर पृथ्वीराज चव्हाण के विवादित बयान पर उन पर हमला बोला।

कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक विवादित बयान दिया है, जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। केंद्रीय मंत्री श्रीपाद नाइक ने कहा कि विपक्ष सिर्फ़ राजनीतिक कारणों से विरोध कर रहा है।

केंद्रीय बिजली राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक ने ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के विवादित बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है जब हमारे देश के राजनेता, जो इतने लंबे समय तक सत्ता में रहे हैं, ऐसे बयान देते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "ऐसे शब्द उन्हें शोभा नहीं देते। आम जनता भी ऑपरेशन सिंदूर की सच्चाई जानती है। ये विपक्षी नेता सिर्फ़ राजनीतिक कारणों से विरोध कर रहे हैं।"

केंद्रीय मंत्री श्रीपाद नाइक ने कांग्रेस पर निशाना साधा

केंद्रीय मंत्री श्रीपाद नाइक ने कहा, "पीएम मोदी भी कहते हैं कि जब देश की बात आती है, अगर कोई संकट है, अगर कोई समस्या है, तो हम (सत्ताधारी पार्टी) विपक्ष के साथ बैठकर बात कर सकते हैं। अगर कोई बात हमारी नज़र में नहीं आई है, तो हमें बताएं, लेकिन इसे सार्वजनिक रूप से कहना सैनिकों और देश के लिए हानिकारक है।" पीएम मोदी ने अपने कैबिनेट मंत्रियों को दूसरे मंत्रालयों के मुद्दों को समझने और संबंधित जानकारी देश के सामने पेश करने की ज़िम्मेदारी दी है। इसी सिलसिले में गुरुवार (18 दिसंबर, 2025) को श्रीपाद नाइक और श्रम और रोज़गार मंत्री मनसुख मंडाविया ने अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं।

'भारत जहाज़ निर्माण में आत्मनिर्भर बना'

केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, "पहले हम हथियारों के लिए आयात पर निर्भर थे। देश के 60-70 प्रतिशत हथियार विदेश से आते थे, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में आज हम 65 प्रतिशत स्वदेशी हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। देश जहाज़ निर्माण में लगभग आत्मनिर्भर हो गया है। भारतीय नौसेना के लिए कोच्चि में बना INS विक्रांत विमानवाहक पोत इसका जीता-जागता उदाहरण है, जिसमें 67 प्रतिशत स्वदेशी उपकरण लगे हैं।"

मनसुख मंडाविया के अनुसार, आज रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ हम हथियार और अन्य सैन्य उपकरण निर्यात भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक दशक पहले हथियारों का निर्यात सिर्फ़ ₹600 करोड़ था, लेकिन अब 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ यह निर्यात ₹25,000 करोड़ तक पहुँच गया है। 'अब हथियारों के साथ टेक्नोलॉजी भी ट्रांसफर होती है'

केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने कहा, "पहले, जब दूसरे देशों के साथ मिलकर देश में हथियार और मिलिट्री उपकरण बनाए जाते थे, तो टेक्नोलॉजी ट्रांसफर नहीं होती थी। आज, रूस और इज़राइल के साथ हथियारों की डील में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (TOT) का क्लॉज़ होता है। यहां तक ​​कि हाल ही में अमेरिका के साथ साइन किए गए 10 साल के डिफेंस फ्रेमवर्क एग्रीमेंट में भी TOT क्लॉज़ शामिल है।"

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