- माता रानी के दरबार में कथावाचक पंडित श्री राजेश शास्त्री जी महाराज ने सुनाई भगवान श्री कृष्ण जन्म की कथा

माता रानी के दरबार में कथावाचक पंडित श्री राजेश शास्त्री जी महाराज ने सुनाई भगवान श्री कृष्ण जन्म की कथा

नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की.........
भिण्ड। मिहोना नगर से 02 किलोमीटर दूरी पर स्थित मछरया गाँव में माता रानी मंदिर प्रांगड में सात दिवसीय श्री मद् भागवत कथा में पूज्य कथा वाचक पंडित श्री राजेश शास्त्री श्रीधाम वृंदावन ने बालचरित्र श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनाई, भगवान के जन्म के उपरांत पूरा पंडाल जगमगा उठा और नंद के आनँद भयो जय कन्हैया लाल की गूँज से पंडाल गूँज उठा महाराज के द्वारा सुंदर भजन गायन के द्वारा भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के आनँद को आनंदित कर दिया भागवताचार्य ने कहा कि पाप जब बढ़ता है तो भगवान का अवतार होता है उनके अवतार से सब भक्तों का बेड़ा पार होता है धर्म की स्थापना के लिए भगवान लेते है अवतार उन्होंने कहा माता पिता की सेवा सबसे बड़ा पुण्य होता है माता पिता संसार मे प्रत्यक्ष देवता है इनकी सेवा ही सबसे बडा भजन है आप भजन न करे ,मंदिर न जाये ,कथा न सुने चलेगा पर यदि आप अपने माता पिता की सेवा नही करते है तो नही चलेगा ,जो व्यक्ति अपने मातापिता को कष्ट देता है वो जीवन मे कभी सुखी नही रह सकता ,माता पिता की आँखो से जीवन मे सिर्फ दो ही वार आँसू निकलते है एक जब बेटी घर छोड़कर जाती है तब और दूसरा जब बेटा मुख मोड़ता है तब ,भगवान राम ने भी कहा है की वही पुत्र भाग्यवान होता है जो माता पिता के वचनों को मानता है ऐसे व्यक्ति की मु_ी मे पुण्य के चारो पदार्थ होते है अर्थ ,धर्म ,काम ,मोक्ष ,जिनको माता पिता के लिये बेटा प्राणों से प्रिये होता है, बेटे के लिय कितने भी कष्ट सहन करते है कितनी भी सर्दी पड़ रही हो बालक यदि बिस्तर पर पिसाब कर लेता है तो माँ उसे सूखे मे लेटाकर खुद रात भर गीले मे लेटी रेहती है एक माता के कितने भी बच्चे हो उनका पालन पोषण करने मे उसे कभी कोई कष्ट नही होता है पर विडंबना तो ये है की जब वह बूँडे हो जाते है तब 10 पुत्र भी मिलकर अपने माता पिता को सुखी नही रख पाते यह व्याख्यान उन्होने श्री मद् भागवत कथा के दौरान कहे, मद् भागवत कथा के यजमान श्रीमती शीला बुधोलिया कथा आयोजक दशरथ पाठक कमलेश पाठक सहित समूचे गाँव व आस पास के गाँव के कथा का रसपान करने आ रहे श्रोतागण भारी संख्या में उपस्थित रहे एवं कथा समापन के बाद आरती में झूमे स्रोत श्रीमद् भागवत भगवान की है आरती पापिओं के पाप को है तारती यह भागवत भगवान की है आरती पापियों के पाप को है तारती ये अमर ग्रंथ ये मुक्ति पंत ये पंचम बेद निराला रब ज्योति जगाने वाला हरि नाम यही हरि धाम यही जग के मंगल की आरती पापीयो के पाप को है तारती कथा विराम के बाद में सभी को प्रसादी बितरण की गई।
आरती में अंबरीष शर्मा गुड्डू के अनुज बंटू शर्मा, संतोष भारद्वाज, बीपी त्यागी, पीएन वरुआ, मनोज बोहरे , सतीश , जितु , प्रदीप सहित सैकड़ों भक्तगण मौजूद रहे।  

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