- कांग्रेस का तंज, भाजपा सरकार का नारा है ‘पिटे किसान, जय धनवान’

कांग्रेस का तंज, भाजपा सरकार का नारा है ‘पिटे किसान, जय धनवान’

नई दिल्ली । कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र और हरियाणा की भाजपा सरकारों पर किसान विरोधी होने और हर दिन अपने वादे को तोड़ने का आरोप लगाया। कुरुक्षेत्र शाहबाद में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग कर रहे सूरजमुखी के किसानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, भाजपा ने किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देकर फिर अपना किसान विरोधी चेहरा दिखाया।


 दस किसान घायल हुए हैं और कई को हिरासत में लिया गया है। जिस क्रूरता के साथ सरकार द्वारा लाठीचार्ज का आदेश दिया गया था, वह ब्रिटिश शासन की क्रूरता जैसी थी।हुडडा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यह सरकार किसानों, पहलवानों और सशस्त्र बलों की नहीं, बल्कि केवल अमीरों की है। उन्होंने कहा, सरकार ने जय जवान, जय किसान के नारे को पिटे किसान, जय धनवान में बदल दिया है। यह भाजपा का नारा है। यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि खेती पर खर्च की गई राशि वापस हो।


 दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, यहां तक कि स्वामीनाथन रिपोर्ट को भी लागू करना बाकी है। किसानों को तीन कृषि बिलों पर विरोध करना पड़ता है और एक साल तक चले विरोध-प्रदर्शन में 750 से अधिक किसानों ने अपनी जान गंवा दी। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सामने आए और तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। डेढ़ साल बाद भी एमएसपी अभी तक नहीं दिया गया है।
उन्होंने कहा कि कमेटी एमएसपी के लिए बनी थी, लेकिन उसमें एमएसपी का कोई जिक्र ही नहीं था और अफसरशाहों तथा गैर-किसानों सहित चुनिंदा लोग ही कमेटी में शामिल थे। 


हुड्डा ने कहा, लाठी चार्ज किसानों के विरोध के साथ विश्वासघात का प्रतीक था, क्योंकि वे सूरजमुखी की फसल पर केवल एमएसपी की मांग कर रहे थे। यह भाजपा सरकार के किसान विरोधी चेहरे का प्रतीक भी है और राज्य सरकार द्वारा बैटन शासन का प्रतीक है क्योंकि वहां कोई समुदाय या वर्ग नहीं है जिसने सरकार के बैटन शासन का सामना नहीं किया है।यह उनकी क्रूरता का प्रतीक है। सरकार वादों को पूरा नहीं करने के अपने रिकॉर्ड तोड़ रही है। हम सरकार से मांग करते हैं कि किसानों को एमएसपी दिया जाए, हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा किया जाए, घायलों का इलाज किया जाए और एमएसपी कमेटी का गठन ठीक से किया जाए और किसानों को एमएसपी की उचित कानूनी गारंटी दी जाए।

 
कुछ प्रदर्शनकारी किसानों ने सड़क पर लगे पुलिस बैरिकेड्स को हटाने की भी कोशिश की। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व हरियाणा बीकेयू-चादुनी के प्रमुख गुरनाम सिंह चादुनी ने किया। खटटर सरकार ने एमएसपी पर सूरजमुखी बीज की खरीद बंद करने और भावांतर भरपाई योजना के तहत 1,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद करने का फैसला किया था। किसानों का कहना है कि वे 6,400 रुपये के एमएसपी के मुकाबले निजी खरीदारों को 4,000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से उपज बेच रहे हैं।

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag