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बीएसएफ सिपाही की मौत को लेकर डीजी को लिखा पत्र, उच्च स्तरीय जांच के लिए कि मौत कैसे हुई..?
कॉन्फैडरेसन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष जयेंद्र सिंह राणा के द्वारा
सिपाही सुरेश की पोस्टिंग किशनगंज में और मौत कमांडेंट के घर पटना में, ऐसा क्यों...?
डबरा (बेजोड रत्न ब्यूरो)। देश की रक्षा के लिए अपने परिवार को छोडकर सब कुछ त्यागकर जब एक व्यक्ति बीएसएफ में नौकरी करने जाता है तो वह बहुत कुछ पीछे छोड जाता है लेकिन बीएसएफ अकादमी में कुछ अधिकारी ऐसे होते है जिनकी प्रताडना बीएसएफ के कर्मचारी को इतनी महंगी पडती है कि कई बार उसको मौत से भी समझौता करना पडता है। ऐसे ही एक बीएसएफ कर्मचारी की मौत बीएसएफ के कमांडेंट के घर में हुई जो कि रबुडी जिला चुरू निवासी 17 बटालियन में था। कमांडेंट के घर में हुई मौत और बीएसएफ के कर्मचारियों द्वारा जब 17 बटालियन के सिपाही सुरेश कुमार बेनीवाल के शव को लेकर उसके घर पहुंचे तो परिजनों ने शव को लेने से इंकार कर दिया क्योंकि जो कर्मचारी सिपाही की पार्थिव देह को लेकर गए थे वह परिजनों को मौत का कारण स्पष्ट नहीं कर सके। जब इस घटना की जानकारी कॉन्फैडरेसन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष जयेंद्र सिंह राणा को लगी तो उन्होनें तत्काल मामले को गंभीरता से लिया और उक्त मामले को लेकर बीएसएफ डीजी साहब को पत्र लिखकर तत्काल उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई। उन्होनें कहा जब जवान की ड्यूटी सर्विस बटालियन में है तो कैसे 17 बटालियन कमांडेंट द्वारा अपने पटना वाले घर में बंधुआ मजदूर की तरह रखा गया और किन परिस्थितियों में सिपाही की मौत हुई ये सब जांच का विषय है। श्री राणा ने पत्र के माध्यम से यह भी बताया एसोसिएशन मांग करती है बीएसएफ जवान की विरांंगना सुशीला देवी के एक छोटा बेटा ओर दो बेटियों का लालन पालन शिक्षा स्वास्थ्य की जिम्मेदारी बीएसएफ को वहन करनी चाहिए। महासचिव रणबीर सिंह ने 17 बटालियन कमांडेंट को सस्पेंड करने की मांग की गई साथ ही राज्य सरकार व बीएसएफ की और से शहीद परिवारों को मिलने वाली एक्स ग्रेसिया राशी व 50 पर्सेंट फैमिली पैंशन व अन्य सभी सुविधाएं देने की मांग की गई।
इनका कहना......
17 बटालियन के सिपाही की मौत एक कमांडेंट के घर में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई, यह मामला काफी गंभीर है ऐसे मामले की उच्च स्तरीय जांच अति आवश्यक है क्योंकि अगर जांच में कुछ तथ्य सामने आते है तो एक बात अवश्य सिद्ध होगी कि आज भी कुछ सिपाही वरिष्ठ अधिकारियों के घरों में बंधुआ मजदूर की जिंदगी जी रहे है। हमने डीजी साहब से मांग की है कि उक्त मामले की गंभीरता पूर्वक हर पहलू पर जांच की जाएं और जांच के बाद जो तथ्य सामने आए उन तथ्यों के आधार पर दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाए।
जयेन्द्र सिंह राणा अध्यक्ष
कॉन्फैडरेसन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन
जयेन्द्र सिंह राणा अध्यक्ष
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