मॉस्को। अमेरिका के बाद अब रुस से खबर आई है तो वो एक ऐसा फाइटर जेट बनाने तो रहा है जो अत्याधुनिक होगा। इतना ज्यादा हाईटेक कि अमेरिका का नया फाइटर जेट भी पीछे रह जाएगा। इस आशय का एलान करते हुए रुस ने कहा कि रूस के पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के उत्पादन प्रक्रिया में एक बड़ा कदम है। दुबई एयरशो 2023 के दौरान रूस की हथियार बनाने वाली सरकारी कंपनी रोस्टेक स्टेट कॉरपोरेशन की तरफ से इस बात की जानकारी दुनिया को दी गई है।
रूस ने सिंगल-इंजन वाले सुखोई-75 चेकमेट स्टील्थ लड़ाकू विमान के शुरुआती डिजाइन में बदलाव किया है। इस फाइटर जेट की तुलना अब अमेरिका में बने एफ-35 लाइटनिंग से की जाने लगी है। एफ-35 और एसयू-75 के बीच तुलना अक्सर ही बहस का मसला रही है। डिफेंस एक्सपर्ट्स की मानें तो दोनों लड़ाकू विमान अलग-अलग देशों के हैं और अपने-अपने तरीके से काफी एडवांस्ड है। एफ-35 को अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए लॉकहीड मार्टिन ने तैयार किया है।
यह जेट पांचवीं पीढ़ी का मल्टीरोल फाइटर जेट है जिसे हवा से हवा में होने वाले युद्ध, जमीनी हमले और जासूसी मिशनों में कामयाबी हासिल करने के मकसद से तैयार किया गया है। जबकि रूस के सुखोई की तरफ से बनने वाला जेट एसयू-75 अभी से इसके समकक्ष रखा जाने लगा है। चेकमेट लड़ाकू विमानों की विशेषता खुफिया क्षमता के अलावा, कम समय में दूर तक उड़ान भरने की क्षमता, इसकी इंजीनियरिंग और कम पैसों में तैयार हो जाना है।
साल 2025 के अंत तक रूस इस जेट के प्रोटोटाइप को लॉन्च कर सकता है। रूस ने मॉस्को एयर शो 2021 के दौरान आधिकारिक तौर पर एसयू-75 चेकमेट की पहली झलक दुनिया को दी थी। एसयू-75 चेकमेट की स्पीड को सबसे ज्यादा कारगर बताया जा रहा है। यह जेट दो मैक की अधिकतम स्पीड के साथ 3000 किलोमीटर तक की उड़ान भर सकते हैं। साथ ही इस जेट का वजन 7.4 हजार किलोग्राम बताया जा रहा है। जेट को एक एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक स्कैन, एईएसए रडार, एक 360-डिग्री ऑप्टिकल और रेडियो सर्विलांस सिस्टम, एक इंर्टनल इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग सिस्टम, एक ऑप्टिकल विजन सिस्टम से लैस किया जाएगा।