गैस पीडि़तों के चार संगठनों ने संयुक्त रूप से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को दिए ज्ञापन में लिखा है कि 3 दिसंबर को भोपाल गैस त्रासदी की बरसी है, जो दुनिया की सबसे भयानक औद्योगिक आपदा है। यह दिन शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मृतकों को श्रद्धांजलि दी जाती है। आपदा में मारे गए व्यक्तियों को याद किया जाता है। बचे गैस पीडि़त इस दिन न्याय की मांग को लेकर मार्च और विरोध प्रदर्शन भी करते हैं। ऐसे दुखद अवसर पर, यदि चुनाव परिणाम घोषित किए जाते हैं, तो शोर शराबा होगा, विजयी उम्मीदवार रैलियां निकालेंगे और पटाखे फोड़ेंगे जो सही नहीं होगा। गैस पीडि़त संगठनों ने चुनाव आयोग से वोटों की गिनती की 3 दिसंबर के बजाय किसी और दिन कराने की मांग की है।