मुंबई, । पूरे देश का ध्यान खींचने वाली 4 राज्यों के चुनाव नतीजों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बन रही है. जबकि तेलंगाना में कांग्रेस को बहुमत मिला है. खास बात यह है कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया है. उसने बीआरएस को भारी अंतर से पीछे छोड़ दिया है। कांग्रेस के कारण चंद्रशेखर राव को बड़ा झटका लगा है. 2018 में बीआरएस तेलंगाना में सत्ता में आई।
इसके बाद चन्द्रशेखर राव ने अपना रुख दूसरे राज्यों की ओर कर दिया. वह तेलंगाना के साथ-साथ महाराष्ट्र को भी जीतने जा रहे थे. इसके लिए वे लगातार महाराष्ट्र का दौरा कर रहे थे लेकिन अब उन्होंने तेलंगाना को ही खो दिया है. कहा जा रहा है कि जब विधानसभा चुनाव सिर पर थे तब भी चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. पिछले 6 महीने से उनका महाराष्ट्र आना-जाना बढ़ गया था. इसलिए वे स्थानीय मुद्दों पर ध्यान नहीं दे पाये.
चन्द्रशेखर राव ने महाराष्ट्र के अखबारों में तेलंगाना की नौकरियों का विज्ञापन दिया। बैठकें आयोजित की गईं. समय बीतता गया और तेलंगाना की उपेक्षा होती गयी.विज्ञापन में चंद्रशेखर राव द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए काफी काम किया है, यह दिखाया गया लेकिन असल में जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही थी. जानकारों का कहना है कि चंद्रशेखर राव और उनके मंत्री लगातार महाराष्ट्र का दौरा कर रहे थे, इसलिए नागरिकों में गुस्सा था. आख़िरकार नागरिकों ने अपना गुस्सा दिखा दिया.