नई दिल्ली । इंडिया गठबंधन के बैनर तले एकजुट विपक्ष आगामी आम चुनाव में अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार पेश नहीं करेगा, इसकी संभावना बढ़ गई है। अब कांग्रेस पार्टी ने भी एनसीपी प्रमुख शरद पवार की हां में हां मिला दी है। एनसीपी सुप्रिमो पवार ने कहा है कि इंडिया गठबंधन को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पीएम को कोई चेहरा घोषित नहीं करना चाहिए। पवार ने दलील दी है कि जनता पार्टी ने भी 1978 में पीएम उम्मीदवार को प्रॉजेक्ट नहीं किया था और इसके बजाय कांग्रेस को हराने के बाद मोरारजी देसाई को चुना था। यह ऐतिहासिक मिसाल पवार के पीएम उम्मीदवार को प्रॉजेक्ट करने के खिलाफ तर्क का आधार है। कांग्रेस पार्टी पवार के इस विचार से सहमत है और मानती है कि विपक्ष का ध्यान पूरी तरह से आगामी चुनावों पर होना चाहिए।
पवार ने सुझाव तब दिया जब इंडिया गठबंधन की हालिया बैठक के दौरान टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शीर्ष पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का प्रस्ताव रखा। दिलचस्प बात यह है कि खरगे ने खुद प्रस्ताव को यह कहकर अस्वीकार कर दिया कि पीएम उम्मीदवार के मुद्दे को बाद में विचार के लिए छोड़ते हुए गठबंधन को अधिकतम सीटें जीतने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।एनसीपी प्रमुख पवार के बयान पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयराम रमेश ने पवार के साथ सहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से मानती रही है कि पीएम उम्मीदवार की घोषणा चुनाव से पहले नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय लोकतंत्र का आधार संसदीय प्रणाली है, यहां पीएम चेहरे पर से चुनाव नहीं होते हैं, जिसके लिए शीर्ष पद का चेहरा घोषित करना जरूरी होता है।