पटना । बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन के संयोजक पद के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। अब उनकी नजर सीधे पीएम की कुर्सी पर है। बता दें कि इंडिया अलायंस की जूम मीटिंग में बिहार के सीएम नीतीश कुमार का नाम इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाए जाने के लिए रखा गया था, लेकिन उन्होंने यह कह कर यह पद कांग्रेस के लिए देने को कहा कि अब उन्हें पद की कोई लालसा नहीं है। बताया जा रहा है कि तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के आग्रह पर कांग्रेस ने नीतीश कुमार से संयोजक बनने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन, नीतीश कमार ने आग्रह ठुकरा दिया और कहा कि कांग्रेस का ही चेयरपर्सन बनना चाहिए। इंडिया अलायंस की जूम मीटिंग में नीतीश कुमार के साथ जदयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार सरकार के मंत्री संजय झा भी मौजूद थे। मीटिंग के खत्म होने के बाद यह जानकारी सामने आ रही है।
मीटिंग से बाहर आने के बाद संजय झा ने बताया कि इस बैठक में नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे लेने से फिलहाल इनकार कर दिया। सीएम नीतीश ने सीट शेयरिंग को लेकर जल्द फैसला लेने का आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें किसी भी पद की इच्छा नहीं है, वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द इंडिया गठबंधन के घटक दल सीट शेयरिंग को लेकर फैसला लें, क्योंकि लोकसभा चुनाव में अब बेहद ही कम समय बचा है। बताया जा रहा है कि मीटिंग में नीतीश कुमार को कन्वीनर पद के लिए प्रोपोज किया गया था और इंडिया अलायंस के चेयरपर्सन की भी पोस्ट पर बातचीत हुई थी। जिस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
वहीं राजनीति के जानकार कह रहे हैं किअब इस बात से पर्दा उठ गया है कि वह इंडिया अलायंस का संयोजक ही नहीं वह उसे कुछ ऊपर की चीज, यानी प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी चाहते हैं। इसके साथ ही संयोजक पद का काम तो उन्होंने एक तरह से कर दिया है। अधिकतर दलों को उन्होंने एक जगह इकट्ठा कर दिया और उन्होंने अपनी भूमिका निभा दी। लेकिन, अब मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद बदली परिस्थिति में वह कांग्रेस के साथ बंधकर दिखना नहीं चाहते हैं। वह लालू-नीतीश पर दबाव बनाए रखने के लिए अपने लिए एक सुरक्षित कोना भी एनडीए की ओर बनाए रखना चाहते हैं।