छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है। इस साल की बात करें तो नक्सली संगठनों ने खुद माना है कि सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 226 नक्सली मारे गए हैं। उन्होंने यह भी माना है कि इससे उनके संगठन को बड़ा नुकसान हुआ है। गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर राज्य सरकार नक्सलियों के खात्मे के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से पहले बस्तर में नक्सलियों ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। नक्सलियों ने तीन दिन के अंदर चौथे ग्रामीण की हत्या कर दी है। शनिवार को ग्रामीण महिला सुकरा यालम की हत्या कर दी गई।
इस साल सुरक्षा बलों से सीधी लड़ाई में लगातार मात खाने के बाद नक्सली बड़ी लड़ाई लड़ने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में वे छोटी-छोटी कार्रवाई टीमों को सक्रिय कर ग्रामीणों को निशाना बनाकर उनकी हत्या कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं।
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पुलिस के अनुसार, शनिवार को नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम के चार से पांच सदस्य मद्देड थाना क्षेत्र के लोडर गांव पहुंचे। वहां उन्होंने रमैया यालम और उनकी पत्नी सुकरा को अगवा कर लिया और गांव से करीब तीन किमी दूर ले गए।
रमैय्या यालम को लाठी-डंडों से पीटकर छोड़ दिया और उनकी पत्नी सुकरा की गला घोंटकर हत्या कर दी। इससे पहले गुरुवार रात को नक्सलियों ने भैरमगढ़ के बिरियाभूमि के पूर्व सरपंच और भाजपा नेता सुखू फरसा, नैमेड़ के कादर के पूर्व सरपंच सुखराम अवलम की हत्या कर दी थी। पिछले शुक्रवार को तिम्मापुर की आंगनबाड़ी सहायिका लक्ष्मी पदम की उसके बेटे के सामने गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी।
इस साल अब तक नक्सलियों ने 63 ग्रामीणों की हत्या की है और 17 जवान शहीद हुए हैं। लेकिन, सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को बड़ा झटका दिया है। नक्सलियों ने माना है कि इस साल मुठभेड़ में 226 नक्सलियों के मारे जाने से उनके संगठन को बड़ा नुकसान हुआ है।
बस्तर पुलिस ने 97 मुठभेड़ों में 8 करोड़ 84 लाख रुपये के इनामी 207 नक्सलियों के शव बरामद करने का भी दावा किया है, जिनमें 25 लाख रुपये के इनामी पांच दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के सदस्य भी शामिल हैं।
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इस बीच, नक्सलियों के सबसे मजबूत गढ़ में सुरक्षा बलों ने एक सप्ताह के भीतर झिरपल्ली-1 और झिरपल्ली-2 में नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए हैं। पिछले तीन दिनों से नक्सली इन कैंपों पर लगातार फायरिंग कर रहे हैं। रविवार सुबह भी नक्सलियों ने कैंप पर फायरिंग की है।
यह इलाका डीकेएसजेडसी के साथ-साथ तेलंगाना स्टेट कमेटी के बड़े नक्सलियों का ठिकाना है। जगरगुंडा एरिया कमेटी, पामेड़ एरिया कमेटी और साउथ बस्तर सब जोनल ब्यूरो का गढ़ यही है। इसलिए नक्सली किसी भी हालत में इस गढ़ को छोड़ना नहीं चाहते।
बस्तर में बस्तरिया ओलंपिक के समापन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री के शामिल होने की तैयारियां की जा रही हैं। इस सिलसिले में बस्तर पहुंचे गृह मंत्री विजय शर्मा ने बस्तर में ग्रामीणों की हत्याओं को लेकर कहा है कि नक्सलवाद अब अंतिम सांस ले रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वर्ष 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का मूल मंत्र दिया था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार इसी संकल्प को पूरा करने के उद्देश्य से काम कर रही है। नक्सलियों के गढ़ में सुरक्षा बल मजबूत स्थिति में हैं। नक्सलियों को हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहिए और देश व प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी निभानी चाहिए।